राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार को 20 सितंबर 2017 को यह आदेश जारी किया कि मस्जिदों पर लगाए गये लाउडस्पीकरों से होने वाले शोर के स्तर की जांच की जाए. एनजीटी ने कहा है कि जांच के दौरान यह देखा जाए कि आवाज तय मानक के अनुरूप है अथवा नहीं.
एनजीटी के आदेश में स्पष्ट कहा गया कि दिल्ली सरकार मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों की जांच करे और तय करे कि यह तय सीमा से अधिक न हो. एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस स्वतंत्र कुमार द्वारा दिल्ली सरकार और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को आदेश दिया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए.
दूसरी ओर, मस्जिदों की ओर से पेश वकील ने कहा कि वे लाउडस्पीकर का उपयोग तो कर रहे हैं लेकिन आवाज तय सीमा से अधिक नहीं होती. मस्जिदों की ओर से कहा गया कि उनकी मंशा ध्वनि प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करना नहीं होता.
मस्जिदों पर लगाए गये लाउडस्पीकरों के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया है कि दिल्ली की मस्जिदों में लाउडस्पीकर नियंत्रित आवाज़ में नहीं होते हैं. कई बार देखा गया है कि धार्मिक स्थल स्कूल और अस्पताल जैसे स्थानों के पास हैं जिससे तय सीमा से अधिक शोर होता है.
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण अधिनियम, 2010 द्वारा भारत में एक राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) की स्थापना की गई. इस अधिनियम के तहत पर्यावरण से संबंधित कानूनी अधिकारों के प्रवर्तन एवं व्यक्तियों और संपत्ति के नुकसान के लिए सहायता और क्षतिपूर्ति देने या उससे संबंधित या उससे जुड़े मामलों सहित, पर्यावरण संरक्षण एवं वनों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी और त्वरित निपटारे के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण की स्थापना की गयी.
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