भारत के सेंट्रल ड्रग रेग्युलेटर की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) ने 12 साल से 18 साल के बच्चों के लिए कुछ शर्तों के साथ बायोलॉजिकल-ई के कोविड-19 वैक्सीन 'कोर्बेवैक्स' (Corbevax) का आपात इस्तेमाल करने की मंजूरी देने की सिफारिश कर दी है. इस सिफारिश को अंतिम मंजूरी हेतु ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को भेजा गया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने अबतक 15 साल से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण करने पर फैसला नहीं लिया है. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने हाल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि टीकाकरण की अतिरिक्त जरूरत और इसके लिए और अधिक आबादी को शामिल करने की समीक्षा नियमित तौर पर की जाती है.
Drugs Controller General of India's (DCGI) Subject Expert Committee (SEC) recommended granting restricted emergency use authorisation to Biological E's COVID-19 vaccine, Corbevax, for age group 12 to 18 years subject to certain conditions, official sources said. pic.twitter.com/EeFC6h5Cpg
— ANI (@ANI) February 14, 2022
आरबीडी आधारित टीका
डीसीजीआई पहले ही कोर्बेवैक्स को अपनी मंजूरी 28 दिसंबर को सीमित आधार पर आपात स्थिति हेतु दे चुके हैं. यह भारत में ही कोरोना वायरस के खिलाफ विकसित आरबीडी आधारित टीका है. हालांकि, इस टीके को देश के टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं किया गया है.
2 डोज 28 दिन में लेनी होगी
आपको बता दें कि कोर्बेवैक्स टीका मांसपेशियों के जरिये शरीर में पहुंचाया जाएगा तथा 28 दिनों के भीतर दो खुराक लेनी होगी. इस टीके का भंडारण दो डिग्री से आठ डिग्री सेल्सियस पर किया जाता है. आपको बता दें कि यह दो डोज की वैक्सीन है जिसे 28 दिनों के अंतराल पर लेनी होगी.
कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि 15-18 आयु वर्ग के 70 फीसदी से अधिक किशोरों को अब तक कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 15 से 18 आयु वर्ग के 1.47 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को टीका लगाया गया है.
आरबीडी प्रोटीन सब यूनिट वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार यह आरबीडी प्रोटीन सब यूनिट वैक्सीन है. बता दें कि इससे पहले 18 साल से कम के बच्चों पर कोवैक्सीन इस्तेमाल करने की आपात मंजूरी मिल चुकी है. वहीं कॉर्बेवैक्स के लिए भी क्लीनिकल डेटा सौंप दिया गया है.
यह पूरी तरह से स्वदेसी वैक्सीन
कॉर्बेवैक्स हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी विकसित कर रही है. यह पूरी तरह से स्वदेसी वैक्सीन है. अभी वैक्सिनेशन के लिए तीन वैक्सीन का ही प्रयोग किया जा रहा है. यदि कॉर्बेवैक्स भी लगाई जाने लगी तो इसकी संख्या चार हो जाएगी.
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