तकनीकी शिक्षा के लिए 1225 स्नातकों को 53 कॉलेजों में नियुक्त किया गया

Feb 1, 2018, 09:46 IST

इस परियोजना के अंतर्गत सभी सरकारी इंजीनि‍यरिंग कॉलेजों को प्रत्यक्ष हस्तक्षेप तथा सभी निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप के लिए चुना गया है.

Technical Education Quality Improvement Programme
Technical Education Quality Improvement Programme

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तीन वर्षों में अर्थात् 2020 तक इंजीनियरिंग स्‍नातकों की गुणवत्‍ता में सुधार के लिए 2300 करोड़ रुपये की लागत से तकनीकी शिक्षा गुणवत्‍ता सुधार परियोजना (टीईक्‍यूआईपी- III) प्रारंभ की. इस परियोजना के तहत 1225 योग्‍य स्‍नातकों को पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए नियुक्त किया गया.

परियोजना का फोकस झारखंड, छत्‍तीसगढ़, बिहार, पूर्वोत्‍तर क्षेत्र, राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश आदि राज्‍य हैं. इस परियोजना के अंतर्गत सभी सरकारी इंजीनि‍यरिंग कॉलेजों को प्रत्‍यक्ष हस्‍तक्षेप तथा सभी निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को अप्रत्‍यक्ष हस्‍तक्षेप के लिए चुना गया है.

योग्य छात्रों को मिला अवसर

तकनीकी शिक्षा की गुणवत्‍ता में सुधार के लिए उच्‍च संस्थानों के 1225 योग्‍य स्‍नातकों को पिछड़े क्षेत्रों में नियुक्‍त किया गया है. यह मेधावी स्‍नातक अपने साथ अभिनव प्रयोग, शिक्षण के नए तरीकों, तथा कार्य उत्‍साह लाएंगे और परिवर्तन के वाहक के रूप में काम करेंगे.

गौरतलब है कि देश के प्रतिष्ठित संस्‍थानों के एमटेक तथा पीएचडी विद्यार्थियों से पिछड़े क्षेत्रों में कार्य करने और देश की सेवा करने की सार्वजनिक अपील की गई थी. इस अपील के कारण 5000 से अधिक योग्‍य व्‍यक्तियों ने आवेदन किया. विशेषज्ञ टीमें बनाकर देश के 20 एनआईटी में साक्षात्‍कार लिए गए तथा 1225 योग्य छात्रों का चयन किया गया.

इन 1225 उम्‍मीदवारों ने विभिन्न राज्यों के 53 कॉलेजों में ज्‍वाइन किया है. यह नई फैकल्‍टी अगले तीन वर्षों के लिए इन संस्‍थानों में युवाओं को प्रशिक्षित करेगी.

 

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योजना का लाभ

प्रत्‍येक नव नियुक्‍त शिक्षक को  प्रति माह 70,000 रुपये दिए जाएंगे और सरकार तीन वर्षों में 375 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इस कदम से अत्‍यधिक पिछड़े क्षेत्रों के 1 लाख से अधिक इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा का लाभ मिलेगा.

चयनित शिक्षकों का प्रोफाइल:

  • 86 प्रतिशत शिक्षक आईआईटी/ एनआईटी/आईआईएसईआर/ आईआईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्‍थानों से हैं.
  • उनमें से 24 प्रतिशत पीएचडी हैं. (अभी तक इन संस्‍थानों में पीएचडी डिग्री वाले कोई शिक्षक नहीं हैं.)
  • संपूर्ण भारत चयन के कारण 26 राज्‍यों के 3690 जिलों से शिक्षक चुने गए हैं। इस तरह इन पिछड़े कॉलेजों को अखिल भारतीय स्‍वरूप मिला है.
  • इनमें से 115 शिक्षक 7 महत्‍वकांक्षी जिलों में जा रहे हैं.

संस्‍थान आधारित: एनबीए से पाठ्यक्रम की मान्‍यता, गवर्नेंस सुधार, प्रक्रिया सुधार, डिजिटल पहल, कॉलेजों के लिए स्‍वायत्‍तता प्राप्ति.

विद्या‍र्थी आधारित: शिक्षण गुणवत्‍ता में सुधार, शिक्षक प्रशिक्षण, क्‍लास रूम सुविधाएं, पाठ्यक्रम संसोधन, उद्योग संवाद, विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य इंटर्नशिप, उद्योग विशेष कौशलों में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करना, विद्यार्थियों को जीएटीई परीक्षा के लिए तैयार करना.

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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