केन्द्र सरकार ने सोलर पैनल संबंधी इक्विपमेंट्स पर जीएसटी के तहत 5% टैक्स लागूकिया है. पूर्व में सोलर पैनल के सामान पर 18% के रेट से जीएसटी लगाने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय द्वारा बनाया गया, रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अढिया ने यह जानकारी दी.
न्यूज एजेंसी के अनुसार जीएसटी काउंसिल सोलर इक्विपमेंट पर 18% टैक्स लगाए जाने के निर्णय में एक बार फिर संशोधन किया गया है. इन्हें जीएसटी रेट शेड्यूल के क्रमांक 85 में डायोड्स, ट्रांजिस्टर्स और इसी तरह के सेमीकंडक्टर डिवाइस, फोटो वोल्टिक सेलस समेत फोटो सेंसेंटिव सेमीकंडक्टर डिवाइस, एलईडी के साथ रखा गया है.
जबकि सोलर वाटर हीटर और सिस्टम, रीन्यूबल एनर्जी डिवाइसेस (अक्षय ऊर्जा उपकरण) और इसके स्पेयर पार्ट्स, सोलर पावर जनरेटिंग सिस्टम और विंड मिल और विंड ऑपरेटड इलेक्ट्रिसिटी जनरेटर को काउंसिल ने 5% के दायरे में रखा है.
इस विषय पर इंडस्ट्री में भ्रम की स्थिति थी जब ये चीजें 5% टैक्स के दायरे में रखी जा सकती हैं तो फिर सोलर पैनल इक्विपमेंट्स को 18% के दायरे में क्यों रखा गया है?
केंद्र सरकार का क्या है लक्ष्य-
- भारत ने 2022 तक रीन्यूबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) से 175 गीगावाट बिजली पैदा करने की कैपेबिलिटी हासिल करने का लक्ष्य रखा है.
- इसमें 100 गीगावाट बिजली सोलर पैनल से पैदा करना सम्मिलित है.
- इसके लिए 6 लाख करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट की जरूरत होगी. सोलर पावर इक्विपमेंट्स पर कम टैक्स के दायरे में रखना जरूरी है.
काउंसिल को जीएसटी रेट्स में बदलाव के अधिकार-
- सीबीईसी चीफ के अनुसार जीएसटी के तहत गुड्स- सर्विसेज पर तय रेट्स में बदलाव या संशोधन के राइट्स सिर्फ जीएसटी काउंसिल के पास हैं.
- कई इंडस्ट्रीज-बिजनेसेज से सरकार को इन रेट्स में बदलाव की मांगें मिल रही हैं.
- किसी प्रोडक्ट की टैक्स रेट में बदलाव होना है या नहीं, इस पर जीएसटी काउंसिल ही फैसला करेगी.
- जीएसटी लागू होने पर पहले 9 महीने में सरकार को सेस के माध्यम से 55,000 करोड़ धनराशि प्राप्त होने का अनुमान है.
- इस धनराशि का बड़ा हिस्सा डिमेरिट्स और लग्जरी गुड्स से मिलेगा.
- कोयले के साथ ही लग्जरी और डिमेरिट्स गुड्स से मिलने वाले सेस की रकम जीएसटी से राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई में इस्तेमाल की जाएगी.
कोयले पर सेस-
कोयले पर सेस से 22,000 करोड़ रूपए जबकि तम्बाकू पर सेस से 16,000 करोड़ रूपए मिलने का अनुमान है.
जीएसटी हेतु सोसाइटी-
- गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) के अमल में आने पर देश में न सिर्फ टैक्स की चोरी रुकेगी बल्कि टैक्स रूल्स पर अमल करने वाला सोसाइटी भी बनेगी.
- फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली के अनुसार यह एकेडमी नए जीएसटी सिस्टम के तहत वैट डिपार्टमेंट के ऑफिशियल्स को ट्रेनिंग देने के अलावा सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) के ऑफिशियल्स को भी ट्रेंड करेगी.
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