गुजरात विधानसभा में 119 से अधिक विभिन्न योजनाओं का लाभ, सहायता और सब्सिडी को आधार कार्ड से जोडने वाले विधेयक को 20 फरवरी 2017 को गुजरात राज्य सरकार ने निर्विरोध पारित कर दिया.
उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री नितिन पटेल ने विधानसभा में गुजरात आधार वित्तीय और अन्य सब्सिडी लाभ एवं सेवाओं का लक्षित वितरण विधेयक प्रस्तुत किया. आधार विधेयक 2017 पारित होने के बाद सरकारी योजनाओं का लाभ आम लोगों को पारदर्शी ढंग से प्रदान किया जा सकेगा. भविष्य में सभी सरकारी योजनाओं को आधार से ही जोड दिया जाएगा.
मुख्य तथ्य-
• विधानसभा में कानून सुधार विधेयक पारित होने के बाद राज्य सरकार के मंत्री, विपक्ष के नेता, विधानसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचेतक, ससंदीय सचिव एवं विधायकों, पूर्व विधायकों को निर्धारित मानदण्डों के अनुसार चिकित्सा सुविधा के लाभ मिलेंगे.
• सभी सरकारी योजनाओं को आधार से जुड़ने के बाद बिचौलियों के बिना ही योजनागत लाभ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा हो सकेंगे.
• इससे पहले पूर्व विधायकों एवं उनके परिवारों को कोई सुविधा नहीं मिलती थी.
आधार कार्ड के बारे में-
• आधार कार्ड भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को जारी किया जाने वाला एक पहचान पत्र है.
• आधार कार्ड पर 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या छपी होती है जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (भाविपप्रा) जारी करता है.
• आधार कार्ड पर दर्ज 12 अंकों की यह विशिष्ट संख्या भारत में कहीं भी, व्यक्ति की पहचान और पते का प्रमाण है.
• आधार कार्ड भारतीय डाक द्वारा प्राप्त हो या यूआईडीएआई की वेबसाइट से डाउनलोड किया गया हो ई-आधार दोनों ही समान रूप से मान्य हैं.
• भारत का निवासी कोई भी व्यक्ति जो निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करता हो आधार हेतु नामांकन करवा सकता है.
• प्रत्येक व्यक्ति केवल एक बार नामांकन करवा सकता है.
• आधार कार्ड एक पहचान पत्र मात्र है तथा यह नागरिकता का प्रमाणपत्र नहीं है.
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