हरतालिका तीज व्रत (Hartalika Teej Vrat 2021) को अखंड सौभाग्यवती होने का प्रतीक माना गया है. हरतालिका तीज आज यानी 9 सितंबर को है. हरतालिका तीज व्रत महिलाएं अखंड सुहाग के लिए निर्जला और निराहार रखेंगी. पहली बार व्रत रहने वाली महिलाओं और कुंवारी कन्याओं में ज्यादा उत्साह है.
हरतालिका तीज पर महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करेंगी. कुछ जगहों पर भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की कच्ची मिट्टी से प्रतिमा बनाकर महिलाएं विधिवत पूजा करती हैं.
पूजा का शुभ मुहूर्त
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 8 सितंबर, दिन बुधवार को देर रात 2 बजकर 33 मिनट पर होगा. यह तिथि 09 सितंबर को रात 12 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. ऐसे में यह व्रत उदया तिथि में 09 सितंबर को रखा जाएगा.
हरितालिका तीज पूजा विधि
हरतालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. सबसे पहले मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं और भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें.
इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें. तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरतालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें. इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं.
इन मुहूर्त में न करें हरतालिका तीज व्रत की पूजा
हरतालिका तीज व्रत की पूजा राहुकाल, यमगंड, गुलिक काल, दुर्मुहूर्त काल और वर्ज्य काल में न करें. इस बार हरतालिका तीज पर रवियोग का महासंयोग बन रहा है. ऐसे में इस बार की हरतालिका तीज व्रत की पूजा मनोकामना पूर्ण हेतु अति उत्तम है.
भगवान शिव की विधि विधान से पूजा
इस तिथि को पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए सुहागिनें देवी पार्वती और भगवान शिव की विधि विधान से पूजा- अराधना करती हैं. इस व्रत में महिलाएं निर्जला और निराहार उपवास रहकर व्रत का पालन करती हैं.
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