हिमाचल प्रदेश की सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, प्रदेश में अज्ञात शवों की पहचान के लिए एक DNA डेटाबेस तैयार किया है. साथ ही हिमाचल प्रदेश ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने अहम निर्णय लेते हुए इस प्रकार के डीएनए आधारित डेटा बेस की शुरुआत की है.
150 डीएनए सैंपल डेटा हुआ है कलेक्ट:
इन मामलों से जुड़े प्रदेश के एक अधिकारी के अनुसार, यह प्रक्रिया पिछले वर्ष अप्रैल में शुरू की गई थी और इसके तहत अब तक अज्ञात शवों के 150 डीएनए सैंपल का डेटा कलेक्ट किया जा चुका है.
फॉरेंसिक सेवा निदेशालय, जुंगा के सहायक निदेशक (DNA) विवेक सहजपाल ने बताया है कि यह डेटा बेस शवों की पहचान में काफी मदद करेगा. जिससे किसी की पहचान करने में आसानी होगी.
यह डेटा बेस कैसे है उपयोगी?
इस डेटा बेस की मदद से राज्य के निवासियों को अपने सगे सम्बन्धियों की तलाश में काफी मदद मिलने वाली है. साथ ही इस डेटा बेस की मदद से अज्ञात शवों की पहचान करने में आसानी होगी.
विवेक सहजपाल ने आगे बताया कि डीएनए प्रोफाइलिंग डेटाबेस से किसी भी अज्ञात शव की पहचान सेकंड के भीतर किया जा सकेगा.
साथ ही किसी भी अपराधिक जाँच में भी यह डेटा बेस काफी मददगार साबित होने वाला है. इसकी मदद से जघन्य अपराधों की जांच में भी मदद मिलेगी. यह डेटा बेस अपराधियों को पकड़ने में भी काफी मदद करेगा.
यह डेटा बेस गुमशुदा व्यक्तियों की तलाश में भी मददगार साबित होगा. इस डेटा बेस की मदद से आपदा पीड़ितों की पहचान करने में आसानी होगी.
20,000 डीएनए प्रोफाइल की है क्षमता:
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में डीएनए प्रोफाइल डाटाबेसिंग और मैचिंग टेक्नोलॉजी (यूएसए से स्मॉलपॉन्ड टीएम सॉफ्टवेयर) को 55 लाख रुपये में ख़रीदा गया था. इसकी क्षमता 20,000 डीएनए सैम्पल कलेक्ट करने की है साथ ही इसे बाद में बढ़ाया भी जा सकता है.
क्या कहता है पुलिस रिकॉर्ड?
हिमाचल प्रदेश के पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, हर साल प्रदेश भर से 100 से अधिक शव बरामद किए जाते हैं जिनका कोई रिकॉर्ड या पहचान उपलब्ध नहीं रहता है. जिससे किसी केस को समाप्त करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब इस डीएनए प्रोफाइलिंग डेटाबेस की मदद से पुलिस केस को सुलझाने में मदद मिलेगी.
'आधार' की भी मदद ली जाएगी:
हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू ने इस सम्बन्ध में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को भी पत्र लिखा है और इस प्रकार के सिस्टम को विकसित करने की बात कही है जिसकी मदद से अज्ञात लोगों की पहचान के लिए, हिमाचल प्रदेश पुलिस के साथ डेटा शेयर किया जा सके.
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