प्रसिद्ध इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे का निधन, जानें विस्तार से

Nov 15, 2021, 13:20 IST

प्रसिद्ध इतिहासकार और पद्म विभूषण से सम्मानित बाबासाहेब पुरंदरे का लंबी बीमारी के बाद पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया. पुरंदरे को एक सप्ताह पहले निमोनिया हो गया था. 

Eminent historian Babasaheb Purandare dies at 99
Eminent historian Babasaheb Purandare dies at 99

प्रसिद्ध इतिहासकार और पद्म विभूषण से सम्मानित बाबासाहेब पुरंदरे (Babasaheb Purandare) का 15 नवंबर 2021 को सुबह पुणे के अस्पताल में निधन हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने बाबासाहेब पुरंदरे के निधन पर शोक व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबासाहेब के निधन से इतिहास एवं संस्कृति की दुनिया में एक बड़ा स्थान खाली हो गया.

प्रसिद्ध इतिहासकार और पद्म विभूषण से सम्मानित बाबासाहेब पुरंदरे का लंबी बीमारी के बाद पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया. वे 99 वर्ष के थे. पुरंदरे को एक सप्ताह पहले निमोनिया हो गया था. वे अस्पताल के आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे.

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री मोदी ने बाबासाहेब पुरंदरे के निधन पर दुख जताया. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मैं इस सूचना से दुखी हूं और मेरे पास शब्द नहीं हैं. बाबासाहेब पुरंदरे का निधन इतिहास और संस्कृति की दुनिया में एक बड़ा शून्य छोड़ गया. उन्हीं की बदौलत आने वाली पीढ़ियां छत्रपति शिवाजी महाराज से और जुड़ेंगी. उनके अन्य कार्यों को भी याद किया जाएगा.

बाबासाहेब पुरंदरे: एक नजर में

बाबासाहेब पुरंदरे का जन्म 29 जुलाई, 1922 को हुआ था. बाबासाहेब पुरंदरे को देशभर में एक लोकप्रिय इतिहासकार के रूप में जाना गया. इसके अतिरिक्त उन्होंने थिएटर कलाकार के रूप में भी अपनी पहचान बनाई थी.

बाबासाहेब ने अपने जीवनकाल में छत्रपति शिवाजी के जीवन काल और उनके प्रशासन पर कई किताबें लिखीं. उन्होंने अपनी कई किताबों में उनके काल के किलों के बारे में भी विस्तार से बताया है. उन्होंने शिवाजी और अन्य ऐतिहासिक विषयों से संबंधित 36 पुस्तकें लिखीं.

उनकी अधिकतर कृतियां मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से संबंधित हैं. उन्हें साल 2019 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. जाने-माने अभिनेता और निर्माता रमेश देव ने पुरंदरे के उपन्यास शेलारखिंड पर सरजा फिल्म बनाई.

बाबासाहेब पुरंदरे को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था. आपको बता दें कि अपनी लेखनी के जरिये छत्रपति शिवाजी महाराज के चरित्र को महाराष्ट्र के घर घर तक पंहुचाने का श्रेय बाबा साहेब पुरंदरे को ही जाता है.

उन्हें देश-विदेश में शिव चरित्र पर दिए गए व्याख्यानों के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने शिव चरित्र पर 12 हजार से ज्यादा व्याख्यान दिए थे. बाबासाहेब पुरंदरे की सबसे प्रसिद्ध रचना शिवाजी की जीवनी थी जिसका शीर्षक राजा शिवछत्रपति था.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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