केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 23 जुलाई, 2020 को 'वृक्षारोपण अभियान' शुरू किया है. इस अभियान के तहत, कॉलोनियों, खानों और कार्यालयों में पेड़ लगाए जाएंगे.
यह आभासी कार्यक्रम स्थल 130 से अधिक स्थानों पर एक-साथ शुरू हुआ जो 10 कोयला और लिग्नाइट प्रभावित राज्यों के 38 स्थानों में फैले हुए हैं.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री ने केंद्रीय कोयला और खान मंत्री, प्रहलाद जोशी की उपस्थिति में इस अभियान का शुभारंभ किया.
वृक्षारोपण अभियान: मुख्य विशेषताएं
- इस अभियान के तहत, अमित शाह ने छह इको पार्क और पर्यटन स्थलों का उद्घाटन और शिलान्यास किया.
- इस अभियान का आयोजन कोयला मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है जिसमें सभी कोयला और लिग्नाइट PSU शामिल हैं. इसके तहत बड़े पैमाने पर सार्वजानिक क्षेत्र के उद्यमों (PSU) की कॉलोनियों, कार्यालयों और खानों के साथ-साथ कोयला और लिग्नाइट से जुड़े अन्य उपयुक्त क्षेत्रों में भी वृक्षारोपण किया जाएगा.
- इस अभियान के तहत समाज द्वारा वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए आस-पास के क्षेत्रों में बीज वितरित किए जाएंगे.
- गृह मंत्री द्वारा उद्घाटन किये गये इको-पार्क, आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए साहसिक क्रियाकलापों, जल क्रीड़ा, मनोरंजन, बर्ड वॉचिंग जैसी विभिन्न गतिविधियों का मार्ग प्रशस्त करेंगे. इसे पर्यटन क्षेत्र का हिस्सा बनाने के लिए भी सम्मिलित किया जा सकता है.
- इस अभियान के तहत शामिल विभिन्न साइट्स (स्थलों) को आत्मनिर्भरता के लिए राजस्व उत्पन्न करने में सक्षम बनाने के साथ-साथ लोगों के लिए रोजगार की संभावनाएं तलाशने की योजना भी बनाई गई है.
हरित पहल अपनाने के बारे में
यह हरित पहल भारत में कोयला क्षेत्र का प्रमुख लक्ष्य है. इसमें खनन किए जा चुके क्षेत्रों और ओवरबर्डन डंपिंग क्षेत्रों का पारिस्थितिक पुनर्ग्रहण, उपयुक्त स्थानों पर सारे मार्ग पर वृक्षारोपण और खदानों के भीतर के क्षेत्रों और उनके आसपास के क्षेत्रों में वृक्षारोपण के माध्यम से अधिकतम क्षेत्र को हरित कवर में शामिल करना है.
कोयला मंत्रालय द्वारा शुरू की गई इस हरित पहल से कोयले और लिग्नाइट सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ-साथ भारत में निजी खनिकों की सक्रिय भागीदारी में भी तेजी आएगी.
वर्ष 2020 में, तीन कोयला और लिग्नाइट PSU - एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL), कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) ने कोयला क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्र में निर्माण के तहत विभिन्न चरागाह (70 हेक्टेयर), जैव-पुनर्ग्रहण और वृक्षारोपण (1626 हेक्टेयर), बांस वृक्षारोपण (3 हेक्टेयर) और उच्च तकनीक की खेती (90 हेक्टेयर) का निर्माण करने के माध्यम से 1,789 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने का लक्ष्य रखा है.
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