गृह मंत्रालय ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर ‘स्मार्ट-फेंसिंग’ लॉन्च की

Mar 7, 2019, 10:48 IST

असम के धुबरी जिले का 61 किलोमीटर लंबे सीमा क्षेत्र में सीमा की निगरानी बेहद मुश्किल है. खासतौर पर बरसात के मौसम में इसमें काफी ज्यादा दिक्कत आती है.

Home Ministry launches smart fencing on Indo Bangladesh border
Home Ministry launches smart fencing on Indo Bangladesh border

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 06 मार्च 2019 को भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्मार्ट फेंसिंग (बाड़) सिस्टम की शुरुआत की. असम के धुबरी जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर इस सिस्टम की शुरुआत की गई है.

लगभग करीब 61 किलोमीटर लंबे इस सीमावर्ती इलाके में भारत-बांग्लादेश सीमा पर व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली के तहत 'बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिकली डोमिनेटेड क्यू-आई-टी सिस्टम (BOLD-QIT ) की शुरुआत के बाद से भारत बंग्लादेश सीमा पर कई तरीके के अपराधों पर काबू पाया जा सकेगा.

स्मार्ट फेंसिंग सिस्टम

•    स्मार्ट फेंसिंग सिस्टम में सेंसर लगे होते हैं, जिससे सीमाओं की प्रभावी निगरानी हो सकती है.

•    धुबरी जिले के इस पूरे क्षेत्र को डाटा नेटवर्क पर काम करने वाली संचार, ओ एफ सी केबल्स, डी एमआर कम्युनिकेशन, दिन और रात निगरानी करने वाले कैमरों और घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणाली से कवर किया गया है.

•    यह आधुनिक उपकरण बॉर्डर पर बीएसएफ कंट्रोल रूम को फीडबैक प्रदान करते हैं और क्रॉस बॉर्डर क्रॉसिंग/ सीमावर्ती अपराधों की किसी भी संभावना को विफल करने के लिए बीएसएफ की क्विक रिएक्शन टीमों को सक्षम बनाते हैं.

•    असम के धुबरी जिले का 61 किलोमीटर लंबे सीमा क्षेत्र में सीमा की निगरानी बेहद मुश्किल है. खासतौर पर बरसात के मौसम में इसमें काफी ज्यादा दिक्कत आती है. इसलिए इस क्षेत्र के लिए यह बहुत अहम निर्णय है.

•    गौरतलब है कि भारतीय सेना  बांग्लादेश के साथ 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करती है. लगभग 61 किलोमीटर लंबे इस सीमावर्ती इलाके में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सिस्टम की शुरुआत की है.

लाभ

भारतीय सेना बांग्लादेश के साथ 4,096 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करती है, सीमाओं पर, दूसरी जगहों पर, भौगोलिक बाधाओं के कारण सीमा बाड़ को खड़ा करना संभव नहीं है. असम के धुबरी जिले का 61 किलोमीटर लंबे सीमा क्षेत्र में सीमा की निगरानी बेहद मुश्किल है. खासतौर पर बरसात के मौसम में इसमें काफी ज्यादा दिक्कत आती है. ऐसे में यह स्मार्ट फेंसिंग बेहद उपयोगी सिद्ध होगी. इस परियोजना से न केवल बीएसएफ को सभी प्रकार के सीमा पार अपराधों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी, बल्कि सीमा प्रहरियों को भी चौबीसों घंटे मानव निगरानी में व्यस्त रहने से राहत मिलेगी.

पृष्ठभूमि

वर्ष 2017 में, गृह मंत्रालय ने बीएसएफ की व्यवस्था को और सक्षम बनाने का निर्णय लिया था. इसके तहत 1 जनवरी 2018 में, बीएसएफ के सूचना और प्रौद्योगिकी विंग ने बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिकली डोमिनेटेड क्यू-आई-टी सिस्टम (BOLD-QIT ) पर काम करना शुरू किया और इसे विभिन्न निर्माताओं तथा आपूर्तिकर्ताओं के तकनीकी सहयोग से रिकॉर्ड समय में पूरा किया. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सितंबर 2018 में जम्मू में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पांच-पांच किलोमीटर की दो स्मार्ट बॉर्डर फेंसिंग पायलट परियोजनाओं का उद्घाटन किया था.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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