मुख्य बातें
• प्रशिक्षु आइएएस अधिकारियों के बैच को किया संबोधित
• शिक्षा में समानता विषय पर दिया व्याख्यान
• आएएस ट्रेनिंग एकेडमी में छाए रहे आनंद कुमार
• कहा- सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं आईएएस अधिकारी
मसूरी | देश के नौजवान आईएएस अधिकारियों का आह्वान करते हुए सुपर 30 के संस्थापक सह गणितज्ञ आनंद कुमार ने कहा है कि वे ऐसा काम करें जिसका लाभ समाज के आखिर व्यक्ति को मिले। प्रशासनिक दृष्टि से आइएएस अधिकारी इस देश की कार्यपालिका की रीढ है और इस नाते आइएएस अधिकारियों पर काफी जिम्मेदारी है। आनंद ने सभी आईएएस अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें अपने कर्मों से समाज में ऐसा बदलाव लाने की जरूरत है जिससे समाज के पिछड़ी पंक्ति में खड़ा आखिरी व्यक्ति भी उस परिवर्तन का लाभ उठा सके। आनंद कुमार लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में प्रशिक्षु आईएएस अफसरों को संबोधित कर रहे थे।
अपने प्रेरक संबोधन में आनंद कुमार ने “शिक्षा में समानता” विषय पर अपने विचार विस्तार पूर्वक रखे। आनंद ने इस दौरान सुपर-30 की अब तक की उनकी संघर्ष यात्रा और निर्धनतम समाज के हाशिए पर खड़े बच्चों के साथ उनकी सफलता की प्रेरणादायक अनुभवों को साझा किया।
मालूम हो कि अकादमी ने शिक्षा के क्षेत्र में आनंद कुमार के अमूल्य योगदान के कारण उनसे प्रशिक्षु आइएएस अधिकारियों के बैच को प्रेरित करने का आग्रह किया था। आनंद कुमार के संबोधन के बाद आइएएस अधिकारियों में से कई ने प्रश्नोत्तर सत्र में उनसे सवाल पूछे। एक सवाल के जवाब में आनंद कुमार ने कहा कि शिक्षा पर किसी एक का अधिकार नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के 70 साल के बाद भी शिक्षा के रास्ते में पैसा एक रोड़ा बनकर खड़ा है। गरीब और अमीर के बीच की खाई काफी गहरी होती जा रही है। इसे बदलने की जरूरत है। आनंद ने कहा कि शिक्षा पर सबका समान हक हो इस दिशा में काम करने की जरूरत है। आईएएस अधिकारियों के योगदान पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि केवल राजनेता ही नहीं बल्कि अधिकारियों व कार्यपालिका पर भी समाज में बदलाव लाने की महती जिम्मेदारी है और अपने प्रशासनिक कौशल के बल पर वे ऐसा कर सकते हैं। आनंद कुमार पहले भी यूपीएससी द्वारा संचालित होने वाले कई ऐसे कार्यकर्मों में अपना व्याख्यान दे चुके हैं।
(एजेंसी)
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