आईआईटी मद्रास ने प्रयोगशाला में ‘स्पेस फ्यूल’ तैयार किया

Jan 11, 2019, 09:33 IST

विज्ञान पत्रिका प्रोसीडिंग्स ऑफ़ नेशनल अकैडमी ऑफ़ साइंसेज (PNAS) द्वारा हाल ही में इस शोध को प्रकाशित किया गया है. यह खोज जलवायु परिवर्तन की समस्या का सामना करने के लिए कोई ठोस उपाय सुझा सकती है.

IIT Madras create space fuel in lab
IIT Madras create space fuel in lab

आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं द्वारा प्रयोगशाला में स्पेस फ्यूल तैयार किये जाने में सफलता हासिल की है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह फ्यूल अंतरग्रहीय परिस्थितियों को सिमुलेट करके प्रयोगशाला में बनाया गया है. विज्ञान पत्रिका प्रोसीडिंग्स ऑफ़ नेशनल अकैडमी ऑफ़ साइंसेज (PNAS) द्वारा हाल ही में इस शोध को प्रकाशित किया गया है.

शोधकर्ताओं द्वारा यह ईंधन भारत के लिए जैविक इंधन के एक स्वच्छ तथा सतत विकल्प के रूप में पेश किया गया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस शोध से वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को अगली पीढ़ी के उर्जा स्त्रोत में परिवर्तित किया जा सकता है. यह भी संभव है कि इससे ग्रीन हाउस गैस तथा ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी.

प्रयोगशाला में किया गया ‘स्पेस फ्यूल’ शोध

•    आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने मीथेन युक्त क्लेथरेट हाइड्रेट का निर्माण उच्च निर्वात (वायुमंडलीय दाब से 1000 अरब गुण कम) में किया, इसका तापमान -263 डिग्री सेल्सियस था.

•    शोधकर्ताओं को मानना है कि मीथेन और अमोनिया के मॉलिक्यूल अन्तरिक्ष में एक अलग ही स्वरुप में होते हैं

•    बेहद निम्न वायुदाब तथा अत्यधिक शीत तापमान में हाइड्रेट की खोज अप्रत्याशित थी.

जलवायु परिवर्तन की समस्या में खोज का लाभ


शोधकर्ताओं का कहना है कि मीथेन के हाइड्रेट को भविष्य का इंधन माना जाता है तथा क्लेथरेट हाइड्रेट ठोस क्रिस्टलिन होते हैं.  मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड गैसों को बंद करने पर जिस प्रकार  हाइड्रेट प्राप्त होता है उसी प्रकार कार्बन डाइऑक्साइड के साथ भी किया तथा इससे भी हाइड्रेट का उत्पादन हुआ. माना जा रहा है कि यह खोज जलवायु परिवर्तन की समस्या का सामना करने के लिए कोई ठोस उपाय सुझा सकती है. परिणामस्वरूप वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग ठोस हाइड्रेट के निर्माण के लिए किया जा सकता है.

ईंधन के प्रकार

ठोस ईँधन - लकड़ी, कोयला, गोबर, कोक, चारकोल आदि

द्रव ईंधन - पेट्रोलियम - डीजल, पेट्रोल, घासलेट, कोलतार, नैप्था, एथेनॉल आदि

गैसीय ईंधन - प्राकृतिक गैस (हाइड्रोजन, प्रोपेन, कोयला गैस, जल गैस, वात भट्ठी गैस, कोक भट्ठी गैस, दाबित प्राकृतिक गैस).

 

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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