भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर वदरेवू राजू को ग्लोबल मेडिकल मिशन हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है.
उन्हें विश्व के उस हिस्से में नेत्रहीनता के उन्मूलन के प्रयासों के लिए यह सम्मान दिया गया है जिसमें गरीबी एवं अच्छी चिकित्सा सुविधा तक पहुंच का नितांत अभाव है.
आई फाउंडेशन ऑफ अमरीका के चिकित्सा निदेशक तथा संस्थापक वदरेवू राजू को गैलिली मेडिकल सेंटर एवं डोनाल्ड सी मूलेन के साथ इस महीने के शुरू में यूनिवर्सिटी ऑफ टोलेडो कॉलेज ऑफ मेडिसिन एंड लाइफ साइंसेज के हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है.
फाउंडेशन द्वारा जारी एक रिपोर्ट में राजू ने कहा कि 75 सालों की पूरी और सफल जिंदगी का नतीजा बच्चों को आंखों की रोशनी का तोहफा है.
उन्होंने कहा की किसी भी बच्चे के इलाज से इंकार नहीं किया जाएगा और विश्व के किसी भी कोने से यहां आकर बच्चे विश्व स्तरीय सुविधा का फायदा उठा सकते हैं.
अगर नेत्रहीनता को रोका जा सकता है तो हमें इसे बड़े पैमाने पर करना चाहिए. फाउंडेशन के तहत वे सचल नेत्र शिविरों, स्थायी और अस्थायी अस्पतालों से जरूरतमंदों को अत्याधुनिक सुविधायुक्त इलाज उपलब्ध कराते हैं.
विश्वभर से कोई भी बच्चे यहां आकर इलाज पा सकता है. वदरेवू राजू ने कहा की अगर अंधेपन को दूर किया जा सकता है, तो हमें यह करना चाहिए. अपनी संस्था के माध्यम से वदरेवू राजू कैंप आयोजित कर लोगों का इलाज करते हैं.
अपनी शुरुआत से अब तक उनकी संस्था ने 21 देशों में 20 लाख मरीजों का इलाज कर चुकी है. अब तक संस्था ने दृष्टि बचाने के लिए तीन लाख लोगो को सर्जरी किया है.
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