राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में कार्यरत चीनी PLA का रवैया रविवार को हुई 13वें दौर की वार्ता में काफी जुझारू नजर आ रहा था.
गत रविवार को हुई भारत-चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की मैराथन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है क्योंकि चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शेष तीन विवादास्पद स्थलों में अपनी उपस्थिति कम करने और पीछे हटने के लिए तैयार नहीं थी. ये शेष तीन विवादास्पद स्थल - हॉट स्प्रिंग्स, देपसांग बुलगे और चार्डिंग नाला जंक्शन हैं.
पूर्वी लद्दाख पर भारत-चीन की सैन्य वार्ता के बाद चीन की सेना का रुख
इन दोनों सेनाओं द्वारा जारी किए गए बयानों से ऐसा प्रतीत होता है कि, चीनी PLA 12वें दौर की वार्ता में हुई सहमति के मुताबिक, चीन पीछे हटने (डी-एस्केलेशन) और अपनी उपस्थिति को कम करने के लिए इच्छुक नहीं था. चीनी बयान कपटपूर्ण है और उसमें भारत से पिछले प्रस्तावों का पालन करने के लिए कहा गया है.
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता सीनियर कर्नल लॉन्ग शाओहुआ ने सोमवार को दिए अपने एक बयान में यह कहा कि, "स्थिति को गलत तरीके से समझने के बजाय, भारतीय पक्ष को चीन-भारत सीमा क्षेत्रों में कठिन जीत की स्थिति को स्वीकार करना चाहिए."
पूर्वी लद्दाख पर भारत-चीन की सैन्य वार्ता के बाद भारत की सेना का रुख
भारतीय पक्ष ने इस वार्ता के दौरान यह बताया कि, LAC के साथ यह स्थिति चीनी पक्ष द्वारा यथास्थिति को बदलने और द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन के एकतरफा प्रयासों के कारण ही उत्पन्न हुई थी. भारत ने आगे यह भी कहा कि, अब यह आवश्यक है कि, चीनी पक्ष शेष क्षेत्रों में उचित कदम उठाए ताकि पश्चिमी क्षेत्र में LACके साथ शांति और स्थिरता बहाल हो सके.
भारतीय बयान में यह कहा गया है कि, यह हाल ही में, दो विदेश मंत्रियों द्वारा दुशांबे में हुई बैठक में दिए गए मार्गदर्शन के अनुरूप भी होगा, जहां वे इस बात पर सहमत हुए थे कि दोनों पक्षों को शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करना चाहिए.
भारतीय पक्ष ने इस बात पर भी जोर दिया कि, शेष क्षेत्रों के ऐसे समाधान से द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की सुविधा रहेगी.
पूर्वी लद्दाख पर भारत-चीन की सैन्य वार्ता: महत्त्वपूर्ण जानकारी
अधिकारियों के अनुसार, LAC के चीनी पक्ष में मोल्डो में रविवार को सुबह 10.30 बजे 13वें दौर की बातचीत शुरू हुई. यह वार्ता आखिरी दौर की बातचीत के दो महीने से अधिक समय बाद आयोजित की गई, जिसके कारण अगस्त की शुरुआत में गोगरा, या पैट्रोल पॉइंट -17 ए में तैनात सैनिकों की तैनाती हुई. यह स्थल सीमा पर झड़पों के फ्लैशप्वाइंट में से एक था.
अधिकारियों ने पहले यह कहा था कि, हॉट स्प्रिंग्स में तैनात प्रतिद्वंद्वी सैनिकों की बर्खास्तगी नवीनतम दौर की बातचीत के एजेंडे में थी.
यह बातचीत LAC के पार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) द्वारा बड़े पैमाने पर सैन्य निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास के मद्देनजर आयोजित की गई है, जिसमें भारतीय सेना चीनी चाल के अनुरूप ही अपनी प्रतिक्रिया निर्धारित कर रही है.
फरवरी में, दोनों पक्षों ने लद्दाख में पैंगोंग त्सो से सैनिकों और हथियारों को वापस मोड़ लिया था. पूर्वी लद्दाख में इस साल भी उक्त विवादास्पद स्थलों पर दोनों पक्षों द्वारा दो दौर में सैनिकों की संख्या कम करने के बावजूद, दोनों सेनाओं के पास अभी भी 50,000 से 60,000 सैनिक हैं और उन्नत हथियार हैं.
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