भारत को 10 वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद संयुक्त राष्ट्र संगठन (यूएनओ) की एक इकाई संयुक्त राष्ट्र–पर्यावास का अध्यक्ष सर्वसम्मति से चयनित किया गया. संयुक्त राष्ट्र-पर्यावास विश्व भर में सामाजिक एवं पर्यावरणीय दृष्टि से टिकाऊ मानव बस्तियों को बढ़ावा देता है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावास अपनी रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र महासभा के समक्ष पेश करता है.
इस निर्वाचन के साथ ही आवास एवं शहरी गरीबी उन्मू्लन मंत्री एम. वेंकैया नायडू केन्या के नैरोबी में आयोजित की जा रही संयुक्त राष्ट्र-पर्यावास की 58 सदस्यी शासी परिषद की चार दिवसीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे. नायडू अगले दो वर्षों तक संयुक्त राष्ट्र–पर्यावास की शासी परिषद की बैठक में होने वाली चर्चाओं की अध्यक्षता करेंगे. वर्ष 1978 में संयुक्त राष्ट्र-पर्यावास के अस्तित्व में आने के बाद भारत को केवल तीन बार ही इस महत्वपूर्ण संगठन का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है. भारत को इससे पहले वर्ष 1988 और वर्ष 2007 में संयुक्त राष्ट्र–पर्यावास का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया था.
संयुक्त राष्ट्र-पर्यावास की शासी परिषद एक अंतर-सरकारी नीति निर्माता एवं निर्णय लेने वाला संगठन है और इस नाते वह मानव बस्तियों के बारे में एकीकृत एवं व्यापक अवधारणा को बढ़ावा देता रहा है और मानव बस्ती से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने में विभिन्न देशों एवं क्षेत्रों की मदद करता रहा है.
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