गुजरात में भारत की पहली लिथियम रिफाइनरी स्थापित की जाएगी. इसके लिए सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों में से एक मणिकरण पावर लिमिटेड लगभग 1000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इस रिफाइनरी के लिए लिथियम अयस्क को ऑस्ट्रेलिया से आयात किया जायेगा.
राज्य सरकार ने बताया है कि गुजरात में भारत की पहली लिथियम रिफाइनरी शुरू होने जा रही है. यहां पर लीथिम को प्रोसेस करने का काम किया जाएगा. इस काम में मणिकरण पावर लिमिटेड बड़ा निवेश करने जा रही है.
देश की बड़ी कंपनियों में से एक
भारत में लिथियम का उत्पादन करने के लिए नियोमेटल्स और मणिकरण पॉवर लिमिटेड ने समझौता किया है. भारत में लिथियम की भविष्य की मांग परिवहन के विद्युतीकरण और नवीकरणीय उर्जा के भंडारण से प्रेरित है. मणिकरण पावर लिमिटेड पावर ट्रेडिंग और एनर्जी के क्षेत्र में देश की बड़ी कंपनियों में से एक है.
लिथियम एक दुर्लभ तत्व
लिथियम एक दुर्लभ तत्व है और यह भारत में नहीं पाया जाता है. हाल ही में भारत ने बोलिवियाई लिथियम भंडार तक पहुंच प्राप्त की है. भारत ने साल 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहन संख्या को 30 प्रतिशत तक बढ़ाने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है.
भारत लिथियम आयन बैटरी बनाने के लिए आवश्यक सभी लिथियम का आयात कर रहा है. भारत वर्तमान में अपनी इलेक्ट्रिकल बैटरी के लिए चीन, जापान एवं ताइवान पर निर्भर है क्योंकि भारत में लिथियम अत्यधिक महंगा है.
अपने कम घनत्व के कारण लिथियम बहुत हल्का होता है और धातु होने के बावजूद इसे आसानी से चाकू से काटा जा सकता है. रासायनिक दृष्टि से यह क्षार धातु समूह का सदस्य है और अन्य क्षार धातुओं की तरह अत्यंत अभिक्रियाशील (रियेक्टिव) है, यानि अन्य पदार्थों के साथ तेज़ी से रासायनिक अभिक्रिया कर लेता है.
कच्चे माल के मामले में मदद
मणिकरण पावर ने बीते साल पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की खदान के लिए वहां कंपनी नियोमेटल्स से हाथ मिलाया था. उम्मीद जताई जा रही है कि यह प्रस्तावित प्रोजेक्ट गुजरात को घरेलू उत्पाद के लिए कच्चे माल के मामले में मदद करेगा.
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