भारत सरकार ने कोविड -19 महामारी के बीच 10 मई, 2020 को एक आउटरीच कार्यक्रम ‘मिशन सागर’ का शुभारंभ किया. इस मिशन का लक्ष्य मालदीव, मेडागास्कर, सेशेल्स और कोमोरोस में कोविड – 19 के दौरान खाद्य पदार्थ, आयुर्वेदिक दवाएं और एचसीक्यू टैबलेट्स उपलब्ध करवाना है.
मुख्य विशेषताएं
इस मिशन के तहत भारतीय नौसेना का जहाज केसरी आवागमन कर रहा है. केसरी का यह संचालन रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के आपसी सहयोग के तहत हो रहा है. हिंद महासागर में भारत के ‘सागर’ विज़न के अनुरूप ही यह मिशन संचालित किया जा रहा है.
सागर मिशन क्या है?
वर्ष 2015 में, भारत ने हिंद महासागर में अपना विज़न ‘सागर’ शुरु किया था. भारत ने इस क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास के लिए इस विज़न के तहत भारत का लक्ष्य अपने पड़ोसी देशों और विशेष रूप से समुद्री पड़ोसियों के साथ सुरक्षात्मक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है. अपने इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भारत सूचना के आदान-प्रदान, बुनियादी सुविधाओं के निर्माण, तटीय निगरानी और आपसी क्षमताओं को मजबूत बनाने के लिए इन देशों को अपना सहयोग देगा.
विश्लेषण
यह मिशन भारत के सागर विज़न से बड़ी आसानी से जोड़ा जा सकता है. इस मिशन में शामिल सभी चार देशों में भारत की मजबूत नौसैनिक उपस्थिति है.
वर्ष 2019 में, मालदीव में पहले से बंद तटीय रडार निगरानी प्रणाली (सीएसआरआर) को पूरा करने के लिए भारत और मालदीव सहमत हुए. वर्ष 2018 में, भारत और सेशेल्स ने एस्म्पशन आइलैंड (द्वीप) में एक नौसैनिक बेस स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की थी. अक्टूबर 2019 में, भारत और कोमोरोस ने एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किये थे. भारत ने हाई-स्पीड इंटरसेप्टर बोट्स की खरीद के लिए कोमोरोस को 20 मिलियन अमरीकी डालर का ऋण प्रदान किया. वर्ष 2007 में, भारत ने मेडागास्कर की विदेशी धरती पर अपना पहला लिसनिंग पोस्ट बनाया.
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