भारत ने 23 जून 2020 को घोषणा की कि वे अगले दो साल में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य एजेंसी (UNRWA) में एक करोड़ डॉलर का योगदान देगा. भारत ने साथ ही कहा कि प्रशिक्षण और स्थायी संस्थानों के निर्माण के माध्यम से क्षमता वृद्धि फिलिस्तीन के लिए विकास का एक प्रमुख माध्यम है.
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने 23 जून 2020 को यूएनआरडब्ल्यूए के लिए एक डिजिटल मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत मेजबान देशों, दाताओं और यूएनआरडब्ल्यूए के उदार सहयोग और अथक कार्यों की बहुत सराहना करता है.
इस सम्मेलन के दौरान वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का भी जिक्र आया. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि कोविड-19 महामारी दुनिया भर में कहर बरपा रही है. सरकारें अपने-अपने देशों के लोगों की स्वास्थ्य और सामाजिक-आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए संसाधनों को बढ़ा रही हैं.
130 मिलियन डॉलर की राशि
यूएनआरडब्ल्यूए संयुक्त राष्ट्र संघ की एक संस्था है जो 50 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनी शरणार्थियों को सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य राहत पहुंचाने के लिए जिम्मेदार है. रिपोर्ट्स के अनुसार इस बैठक के दौरान 75 देशों और गैर सरकारी संगठनों ने मिलकर यूएनआरडब्ल्यूए के लिए 130 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई गई. अभिकरण द्वारा 1948 के अरब-इजरायल विवाद से पूर्व कम-से-कम दो वर्ष तक फिलीस्तीन में रहे व्यक्ति को फिलीस्तीनी शरणार्थी का दर्जा दिया जाता है.
भारत-फिलिस्तीन संबंध
वर्तमान में भारत, फिलिस्तीन में संस्थानों, सेवाओं और प्रशिक्षण के माध्यम से क्षमता निर्माण का कार्य कर रहा है. इसके अतिरिक्त फिलिस्तीनी पेशेवरों को तकनीकी और वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है. भारत-फिलिस्तीन संबंध प्रारंभ से ही काफी घनिष्ठ रहे हैं तथा भारत फिलिस्तीन की समस्याओं के प्रति काफी संवेदनशील रहा है.
भारत पहला गैर-अरब देश था, जिसने साल 1974 में फिलिस्तीनी जनता के एकमात्र और कानूनी प्रतिनिधि के रूप में फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन को मान्यता प्रदान की थी. साथ ही भारत साल 1988 में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाले शुरुआती देशों में शामिल था.
भारत ने फिलिस्तीन से संबंधित कई प्रस्तावों का समर्थन किया है, जिनमें सितंबर 2015 में सदस्य राज्यों के ध्वज की तरह अन्य प्रेक्षक राज्यों के साथ संयुक्त राष्ट्र परिसर में फिलिस्तीनी ध्वज लगाने का भारत का समर्थन प्रमुख है.
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