भारत और सेशेल्स ने 27 जनवरी 2018 को एक संशोधित समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस संशोधित समझौते के तहत इस द्वीप पर सैन्य सुविधाओं का विकास, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव किया जाएगा.
समझौता से संबंधित मुख्य तथ्य:
• यह समझौता उस समय साइन किया गया है जब इस द्वीप में चीन लगतार उच्च स्तरीय दौरा कर रहा है. चीन ने इसके अलावा डिजिबाउटी में एक नौसेना अड्डा बनाया है.
• इस समझौते के बाद भारत समुद्र के रास्ते से चीन पर पैनी नजर रख पाएगा. इस समझौते के सामरिक महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
• हिंद महासागर के जल में एक संतुलन बनाए जाने की आवश्यकता है. इस मामले पर भारत और आसियन देशों के बीच 25 जनवरी 2018 को हुई वार्ता में भी बात की गई थी.
पृष्ठभूमि:
यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सेशेल्स के राष्ट्रपति के बीच मार्च 2015 में हुआ था. जिसके तहत इस द्वीप पर सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाना था. इसे लेकर सेशेल्स की संसद में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. इसी वजह से अक्टूबर 2017 में समझौतों में आ रही मुश्किलों को दूर करने के लिए जयशंकर एक अघोषित यात्रा पर गए थे.
भारत और सेशेल्स के बीच गहरी दोस्ती है और इसकी भू-रणनीतिक स्थिति को देखते हुए भारत के लिए यह काफी महत्वपूर्ण था कि वो सेशेल्स के साथ इस संशोधित समझौते पर सहमति बनाए.
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