नई दिल्ली और कोलंबो ने चार सूत्रीय पैकेज तैयार किया है, जिसमें खाद्य और दवाओं के आयात को कवर करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट और आर्थिक संबंधों को गहरा करने के लिए मुद्रा स्वैप व्यवस्था शामिल है.
भारत और श्रीलंका ने आर्थिक सहयोग को गहरा करने और आर्थिक समस्याओं से निपटने में मदद करने के लिए खाद्य और दवाओं के आयात और मुद्रा विनिमय व्यवस्था को कवर करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट सहित एक चार सूत्री पैकेज तैयार किया है.
इस पैकेज को दो बैठकों के दौरान अंतिम रूप दिया गया था जोकि श्रीलंका के वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे ने अपनी भारतीय समकक्ष निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बुधवार और बृहस्पतिवार को की थी.
जुलाई माह में पदभार संभालने के बाद राजपक्षे की यह पहली विदेश यात्रा थी.
बृहस्पतिवार को राजपक्षे की यात्रा के समापन पर श्री लंका के उच्चायोग द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इन दोनों पक्षों ने लघु और मध्यम अवधि के सहयोग के लिए चार प्रमुख आधारों पर चर्चा की.
भारत और श्रीलंका ने आर्थिक सहयोग के लिए चार सूत्री पैकेज की प्रमुख विशेषताएं
इनमें तत्काल आधार पर एक खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा पैकेज शामिल है जिसमें श्रीलंका द्वारा खाद्य, दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं के आयात को कवर करने के लिए भारत द्वारा ऋण की एक लाइन ऑफ़ क्रेडिट के विस्तार के साथ-साथ, भारत से ईंधन के आयात और त्रिंकोमाली टैंक फार्म के प्रारंभिक आधुनिकीकरण को कवर करने के लिए एक ऊर्जा सुरक्षा पैकेज, जिसमें एक लाइन ऑफ क्रेडिट शामिल भी होगा, की परिकल्पना की गई है.
एक बयान में यह कहा गया है कि, उक्त पैकेज में श्रीलंका को भुगतान संतुलन के मौजूदा मुद्दों को हल करने में मदद करने के लिए और श्रीलंका में विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय निवेश की सुविधा प्रदान करने और रोजगार के विस्तार में योगदान करने के लिए मुद्रा स्वैप की एक पेशकश भी शामिल है.
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दोनों पक्ष आगे इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि, इस पैकेज को साकार करने के तौर-तरीकों को "परस्पर सहमत समय सीमा के भीतर जल्दी ही अंतिम रूप दिया जाएगा". इसी तरह, यह भी सूचित किया गया कि, श्रीलंका का 01 बिलियन डॉलर द्विपक्षीय मुद्रा विनिमय का अनुरोध, जो पहली बार वर्ष, 2020 में किया गया था, इन नवीनतम चर्चाओं में शामिल नहीं था.
नई दिल्ली और कोलंबो के बीच संबंध इस साल की शुरुआत में नकारात्मक रूप से प्रभावित हुए थे, जब श्रीलंका ने कोलंबो बंदरगाह पर ईस्ट कंटेनर टर्मिनल को संचालित करने के लिए भारत और जापान के साथ हुए वर्ष, 2019 के समझौते को रद्द कर दिया था, जिससे ये दोनों ही देश नाराज हो गए थे.
अक्टूबर माह में, राज्य के स्वामित्व वाली श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी (SLPA) ने कोलंबो बंदरगाह के वेस्ट कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने और चलाने के लिए भारत के अदानी समूह के साथ एक समझौता किया है.
अदानी समूह और उसके स्थानीय साझेदार जॉन कील्स होल्डिंग्स की संयुक्त रूप से वेस्ट कंटेनर टर्मिनल में 85% हिस्सेदारी होगी, जिससे भारत को कोलंबो बंदरगाह पर एक बहुत ही आवश्यक रणनीतिक उपस्थिति मिलेगी, जहां लगभग भारत के लिए शिपमेंट में 70% संचालन शामिल है.
पृष्ठभूमि
सीतारमण के निमंत्रण पर भारत आए राजपक्षे ने जयशंकर के साथ भी द्विपक्षीय चर्चा की. भारतीय मंत्रियों ने कोलंबो के साथ नई दिल्ली की एकजुटता व्यक्त की और जोर देकर यह कहा कि, भारत हमेशा श्रीलंका के साथ खड़ा है और वर्तमान स्थिति में भी दोनों देशों के संबंध भारत सरकार के पूर्व बयान के अनुसार, "पड़ोसी पहले" नीति द्वारा निर्देशित होंगे.
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