भारत और युगांडा ने 24 जुलाई 2018 को रक्षा-सहयोग, राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा रियायत, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम और सामग्री परीक्षण प्रयोगशाला के क्षेत्र में चार समझौता-ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये हैं.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी के साथ विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श भी किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी के बीच कम्पाला में शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये.
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के तमाम पहलुओं की विस्तार से समीक्षा की. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अफ्रीका के तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में रवांडा से युगांडा पहुंचे हैं.
भारत और युगांडा के बीच चार समझौता ज्ञापन: |
• रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन • अधिकारियों और राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा रियायत पर समझौता ज्ञापन • सांस्कृतिक आदान प्रदान कार्यक्रम पर समझौता ज्ञापन • सामग्री परीक्षण प्रयोगशाला पर समझौता ज्ञापन
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युगांडा के लिए पीएम मोदी द्वारा घोषित अन्य पहल:
- भारत ने युगांडा को करीब बीस करोड़ डॉलर के दो ऋण देने की भी घोषणा की है जो ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, कृषि और डेरी क्षेत्रों से संबंधित हैं.
- भारत युगांडा को एम्बुलेंस और कैंसर की चिकित्सा की मशीनें भी उपलब्ध करायेगा.
- भारत प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, बुनियादी ढांचा विकास, आईटी और विकास के लिये युगांडा की मदद करेगा.
- दोनों देशों के बीच पर्यटन क्षेत्र में सहयोग की काफी संभावना है. देश में सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले वाटर पंपों के विनिर्माण और असेंबली के लिए भारतीय विशेषज्ञों से मदद मांगी. साथ ही, देश में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए सहायता की मांग की.
पृष्ठभूमि:
पिछले करीब बीस वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह युगांडा की पहली यात्रा है. हालांकि, मोदी वर्ष 2007 में यूगांडा गए थे जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति मुसेवेनी के साथ अकेले में मुलाकात की और उसके बाद द्विपक्षीय रिश्तों की सभी पहलुओं पर समीक्षा को लेकर दोनों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी पांच दिवसीय तीन अफ्रीकी देशों की यात्रा के दूसरे चरण में 24 जुलाई 2018 को युगांडा पहुंचे. इसके बाद वे दक्षिण अफ्रीका जाएंगे. अपनी तीन दिवसीय इस आधिकारिक यात्रा के दौरान वे ब्रिक्स समिट-2018 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
भारत अफ्रीका के साथ घनिष्ठ मैत्रीपूर्ण संबंध साझा करता है जो मजबूत विकास साझेदारी और भारतीय डायस्पोरा की बड़ी उपस्थिति से मजबूत होते हैं.
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