भारत और यूनाइटेड किंगडम ने बिजली क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए अनेक ठोस कार्य योजनायें तैयार की हैं जिन पर तीसरी भारत-UK विकास साझेदारी के लिए मंत्रिस्तरीय ऊर्जा वार्ता में भी चर्चा की गई थी.
बिजली मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि, "दोनों पक्ष बिजली क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए ठोस कार्य योजना तैयार करेंगे."
भारत और यूनाइटेड किंगडम की मंत्रिस्तरीय ऊर्जा वार्ता की प्रमुख विशेषताएं
- तीसरी भारत-UK ऊर्जा विकास साझेदारी के लिए मंत्रिस्तरीय ऊर्जा वार्ता की सह-अध्यक्षता भारतीय पक्ष से केंद्रीय विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और यूके की ओर से माननीय क्वासी क्वार्टेंग सांसद, व्यापार, ऊर्जा और औद्योगिक रणनीति राज्य सचिव (BEIS) द्वारा की गई. यह वार्ता कल शाम को आभासी रूप से आयोजित की गई थी.
- इस बातचीत में स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन चर्चा का एक प्रमुख क्षेत्र था और दोनों ऊर्जा मंत्रियों ने सौर, अपतटीय पवन, भंडारण, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और वैकल्पिक ईंधन सहित नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान देने के साथ ही अपने-अपने देशों में चल रही ऊर्जा परिवर्तन गतिविधियों पर विस्तार से बात की.
- यूके पक्ष ने द्विपक्षीय सहयोग से पिछले दो वर्षों में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों का विस्तृत सारांश प्रस्तुत किया, जिसकी दोनों पक्षों ने सराहना और समर्थन किया.
- दोनों पक्षों ने रोडमैप 2030 के एक हिस्से के रूप में बिजली और स्वच्छ परिवहन, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित वित्त और स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान पर आगे की कार्य योजना पर विचार-विमर्श किया और अपनी सहमति व्यक्त की, जिसमें स्मार्ट ग्रिड, ऊर्जा भंडारण, हरित हाइड्रोजन, चार्जिंग अवसंरचना, बैटरी भंडारण सहित कई विषयों को शामिल किया गया. इस चर्चा में बहुपक्षीय सहयोग के तहत अन्य प्रस्तावों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश जुटाने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया.
- ऊर्जा मंत्री ने विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन, भंडारण, अपतटीय पवन और बिजली बाजार जैसे क्षेत्रों में महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का विवरण दिया. उन्होंने आगे आशा व्यक्त की कि, प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई ‘वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (OSOWOG) पहल’ ग्रिड में RE एकीकरण का समर्थन करने के लिए एक आशाजनक विकल्प के तौर पर कार्य कर सकती है.
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