डेलॉयट द्वारा हाल ही में जारी वॉयस ऑफ़ एशिया रिपोर्ट में कहा गया कि भारत एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की जनसांख्यिकी एशिया में आर्थिक महाशक्तियों के दबदबे को परिवर्तित कर रही है.
सितंबर 2017 के तीसरे सप्ताह में जारी इस रिपोर्ट में कहा गया कि भारत उन चुनिंदा दक्षिण एशियाई देशों में से एक है जो जनसांख्यिकीय रूप से सोने की खान पर बैठे हैं. इसमें कहा गया कि जनसांख्यिकीय विकास इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यह आर्थिक विकास के साथ आंतरिक विकास से भी जुड़ा है.
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
• भारत की औसत आयु 27.3 वर्ष है जबकि चीन की 35 वर्ष और जापान की 47 वर्ष है इसलिए अधिकतर व्यापारिक और आर्थिक उन्नति अधिक युवा क्षेत्र में देखने को मिलेगी.
• भारत में प्रतिवर्ष 1.2 करोड़ आबादी कामकाजी जनसंख्या में शामिल होती है. जापान और चीन के बाद भारत एशिया में तीसरे स्थान पर है.
• भारत का संभावित कार्यबल अगले 12 सालों में वर्तमान के 88.5 करोड़ से बढ़कर 1.08 अरब हो जाएगा.
भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है: रिपोर्ट
• रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2042 तक एशिया में 65 वर्ष की आयु अधिक की आबादी उस समय के यूरोप और उत्तरी अमेरिका की आबादी से अधिक होगी.
• डेलॉयट की रिपोर्ट में कहा गया कि एशिया में 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इस शताब्दी के मध्य तक यहां एक अरब लोग इस उम्र के होंगे.
• अधिक आयु वाले अधिक लोगों की आबादी के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवाओं में खर्च बढ़ेगा नई प्रौद्योगिकी के प्रभाव और पुराने रोगों में बढ़ोतरी के चलते निजी क्षेत्र की सेवाओं में अधिक बढ़ोतरी होगी.
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