भारतीय सेना में 09 नवम्बर 2018 को दो तोपों को शामिल किया गया है. 30 साल के लंबे अंतराल के बाद भारतीय सेना में किसी तोप को शामिल किया गया है. इनमें एक अमेरिकन तोप है तो दूसरी कोरियन तोप है.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देवलाली में एम 777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर और के 9 वज्र सेल्फ़ प्रोपेल्ड गन को सेना को सौंपा. बोफोर्स के बाद ये पहली 155 एमएम तोप है जो कि भारतीय सेना में शामिल हुई है. इससे आर्टिलरी की ताक़त में इज़ाफ़ा होगा.
| तोपों की खासियत |
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टिप्पणी
के-9 वज्र के प्रोजेक्ट पर 4,366 करोड़ रुपए और एम-777 होवित्जर के प्रोजेक्ट पर 5070 करोड़ रुपए खर्च किए जायेंगे. यह काम नवंबर 2020 तक पूरा होगा. सेना को के-9 श्रेणी की 100 तोपें सौंपी जानी है। इस महीने 10 तोपें सौंपी जाएंगी. अगली 40 तोपें नवंबर 2019 में और बाकी 50 तोपें नवंबर 2020 तक सौंपी जाएंगी.
सौ से अधिक ‘एम-777' तोपों की खरीद के लिए भारत ने नवंबर 2016 में अमेरिका से 5,070 करोड़ रुपए की लागत का एक अनुबंध किया था. विदेशी सैन्य बिक्री कार्यक्रम के तहत यह अनुबंध किया गया था.
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