संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2017 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.7 फीसदी रहने का अनुमान है. यह सबसे तेजी से बड़ी विकासशील अर्थव्यवस्था बनी रहेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत निजी खपत एवं महत्वपूर्ण घरेलू सुधारों का फायदा भारत को मिलने की उम्मीद है.
संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक परिस्थिति और परिदृश्य वर्ष 2017 रिपोर्ट जारी की गई. इसमें कहा गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017 में 7.7 फीसदी और वर्ष 2018 में 7.6 फीसदी रहेगी.
इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों और कंपनियों की बैलेंस शीट पर दबाव एवं क्षमता का पूरा उपयोग नहीं कर पाने से हो सकता है कि निवेश पूरी ताकत से पटरी पर नहीं लौट पाए.
वहीं चीन की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में 6.5 फीसदी पर स्थिर रहने का अनुमान लगाया गया है. बैंकों और कंपनियों की बैलेंस शीट पर दबाव और क्षमता का पूरा उपयोग नहीं कर पाने से हो सकता है कि निवेश पूरी ताकत से पटरी पर नहीं लौट पाए.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है.
इससे पहले उसने देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने नोटबंदी के बाद उपभोग के मोर्चे पर अस्थायी झटके के मद्देनजर वृद्धि दर के अनुमान को कम किया हैं.
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