Indian Space Missions: इंडियन स्पेस एसोसिएशन के उद्घाटन के अवसर पर उद्योग जगत ने किया अधिक स्पष्ट अंतरिक्ष नीति का अनुरोध

Oct 12, 2021, 13:40 IST

उद्योगपतियों ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह कहा कि, अंतरिक्ष उद्योग के विकास के लिए भारत सरकार को छोटे और मध्यम क्षेत्र के उद्यमों (SMEs) को अधिक पूंजी की व्यवस्था करने में मदद करनी चाहिए और अपनी अंतरिक्ष नीति को अंतिम रूप देने के लिए भी तेजी से आगे बढ़ना चाहिए.

Indian Space Missions: Industry requests more finance, clarity on India’s space policy
Indian Space Missions: Industry requests more finance, clarity on India’s space policy

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने को 'इंडियन स्पेस एसोसिएशन' (ISpA) का शुभारंभ डिजिटल रूप से किया. यह एसोसिएशन मुख्य रूप से इंडियन स्पेस मिशन्स को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न कार्य नीतियों के बारे में परामर्श देने के साथ-साथ अन्य संबद्ध क्रियाकलापों का संचालन भी करेगी.

उद्योगपतियों ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह कहा कि, अंतरिक्ष उद्योग के विकास के लिए भारत सरकार को छोटे और मध्यम क्षेत्र के उद्यमों (SMEs) को अधिक पूंजी की व्यवस्था करने में मदद करनी चाहिए और अपनी अंतरिक्ष नीति को अंतिम रूप देने के लिए भी तेजी से आगे बढ़ना चाहिए.

भारत के उद्योग जगत के ये नेता इंडियन स्पेस एसोसिएशन के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे.  यह एक ऐसा संगठन है जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, वालचंदनगर इंडस्ट्रीज, टाटा नेल्को, पिक्सेल, मैपमी इंडिया और भारती एयरटेल सहित अन्य संबद्ध सरकारी और निजी क्षेत्र के निकायों के साथ भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के हितों का प्रतिनिधित्व करता है.

प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन: महत्वपूर्ण पहलू

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह कहा कि, उनकी सरकार "इतिहास में सबसे निर्णायक" है और ऐसे क्षेत्रों में जहां सरकार की "आवश्यकता नहीं है" निजी क्षेत्र को आगे आना चाहिए. उन्होंने हाल के एक निर्णय का उदाहरण दिया जिसके तहत भारत सरकार एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी टाटा समूह की कंपनी को दे रही है.

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे यह कहा कि, भारत के अंतरिक्ष सुधारों के लिए सरकार का दृष्टिकोण मख्य रूप से चार स्तंभों पर आधारित है - पहला, निजी क्षेत्र को नवाचार की स्वतंत्रता प्रदान करना. दूसरा, एक प्रवर्तक के रूप में सरकार की भूमिका निर्धारित करना. तीसरा, युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना और चौथा, अंतरिक्ष क्षेत्र को आम आदमी की प्रगति के संसाधन के रूप में देखना. इसने आम लोगों के लिए बेहतर मैपिंग, इमेजिंग और कनेक्टिविटी सुविधाओं का विकास किया है.

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, अंतरिक्ष क्षेत्र में उद्यमियों के लिए शिपमेंट से डिलीवरी तक बेहतर गति निहित है, इसका एक अर्थ मछुआरों के लिए बेहतर सुरक्षा और बेहतर आय के साथ ही, प्राकृतिक आपदा का बेहतर पूर्वानुमान लगाना भी है.

भारत की अंतरिक्ष नीति: उद्योग क्या चाहता है?

वालचंदनगर इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक और CEO चिराग दोशी ने यह कहा कि, अंतरिक्ष क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए शिक्षा, उद्योग और सरकार के बीच गहन सहयोग की जरूरत है और SMEs द्वारा बेहतर वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने का "अवसर" इस समय की मांग है.

टाटा समूह की कंपनी, नेल्को के MD और CEO पीजे नाथ ने यह कहा कि, केंद्र को नई अंतरिक्ष नीति को जल्दी ही अंतिम रूप देने के लिए आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि इससे निवेश की योजना बनाने में मदद मिलेगी.

पीजे नाथ ने यह कहा कि, "कुछ नीतियां पूरी तरह से क्षमता का दोहन करने में मदद नहीं करती हैं, उदाहरण के लिए, समुद्री नीति (निजी क्षेत्र) को मत्स्य पालन को सेवाएं प्रदान करने की अनुमति नहीं देती है." उन्होंने उपग्रह आवृत्ति उपयोगकर्ताओं के लिए किसी भी आवृत्ति रेंज का उपयोग करने और विदेशों से स्वतंत्र रूप से प्रौद्योगिकी खरीदने में सक्षम होने के लिए लचीलेपन का अनुरोध भी किया.

मैपमायइंडिया के CEO रोहन वर्मा ने प्रधानमंत्री से हर फोन में अपनी कंपनी के मैपिंग सॉफ्टवेयर को स्थापित करने में मदद करने का आग्रह किया क्योंकि इसका मतलब "स्वदेशी नवाचार" को बढ़ावा देना होगा.

एक और महत्वपूर्ण घोषणा

अगले साल के लिए निर्धारित प्रमुख प्रक्षेपणों से पहले, भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र को उदार बनाने के अपने इरादे की घोषणा की है और अब कई निजी कंपनियां इसरो की सुविधाओं का उपयोग उपग्रहों के विकास के साथ-साथ प्रक्षेपण के लिए भी कर रही हैं. हालांकि नई अंतरिक्ष नीति के लिए आवश्यक मसौदे बन चुके हैं, लेकिन इन्हें साकार करना अभी बाकी है.

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