जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया एवं प्लांट डिस्कवरीज़ 2016 द्वारा कराये गये सर्वेक्षण के अनुसार भारत में पिछले वर्ष 499 प्रजातियों की खोज की गयी.
जानवर
नई खोजों में से 258 अकशेरुकी हैं और 55 रीढ़ की हड्डी वाले जानवर हैं. इनमें लगभग 97 कीट हैं, 27 मछली हैं, 12 उभयचर हैं, 10 प्लेटिहेल्मिंट्स हैं, नौ क्रस्टिया, छह प्रजाति सरीसृप, 61 प्रजातियां तितलियों में तथा 38 बीटल में पायी गयी हैं.
नई प्रजातियां देश के चार जैविक आकर्षण स्थलों जैसे हिमालय, उत्तर-पूर्व भारत, पश्चिमी घाट और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पाई गई हैं.
एनिमल डिस्कवरीज़ 2016 के अनुसार पहली बार देश में प्रजातियों की संख्या 1,00,693 से अधिक हुई है. वर्ष 2016 तक भारत में जानवरों की प्रजातियों की संख्या 97,514 थी. भारत उन 17 देशों में शामिल है जिसमें विश्व की 6.42 प्रतिशत प्रजातियां पाई जाती हैं.
पौधे
प्लांट डिस्कवरीज़-2016 के अनुसार पिछले वर्ष 206 प्रकार की प्रजातियां पाई गयें जिसमें 186 नए प्रकार के पौधे तथा सात नयी श्रेणियां तथा नौ नयी प्रजातियां पाई गयी.
इनमें से भारत में पायी गयी प्रजातियों की संख्या 113 है. नये खोजे गये पौधों में पश्चिमी घाट पर 17 प्रतिशत, पूर्वी हिमालय पर 15 प्रतिशत, पश्चिमी हिमालय में 13 प्रतिशत एवं पूर्वी घाट पर 12 प्रतिशत पौधों की खोज की गयी.
जंगली बाल्सम की आठ प्रजातियां, जंगली अदरक की पांच प्रजातियां और जजंगली आंवला की एक प्रजाति पाई गयी. इसके अतिरिक्त भारत में 39 प्रकार के मशरूम की भी खोज की गयी.
जूलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया
जूलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, पर्यावरण और वन मंत्रालय का एक अधीनस्थ संगठन है. इसकी स्थापना 1916 में की गयी थी ताकि पशुवर्ग संबंधी असाधारण विविधता के धनी भारतीय उपमहाद्वीप के प्राणियों के बारे में हमारा ज्ञानभण्डार बढ़ सके. इसका मुख्यालय कोलकाता में है और इसके 16 क्षेत्रीय स्टेशन देश के विभिन्न भौगोलिक स्थानों में स्थित है.
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