ऑक्सफैम (Oxfam Report) द्वारा 21 जनवरी 2019 को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अरबपतियों की संपत्ति में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. ऑक्सफैम रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अरबपतियों की संपत्ति में वर्ष 2018 में प्रतिदिन 2,200 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान, देश के शीर्ष एक प्रतिशत अमीरों की संपत्ति में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि 50 प्रतिशत गरीब आबादी की संपत्ति में महज तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
ऑक्सफैम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विश्व भर के अरबपतियों की संपत्ति में पिछले वर्ष 12 प्रतिशत (2.5 अरब डॉलर प्रतिदिन) की वृद्धि दर्ज की गई. इसके विपरीत दुनिया की आधी आबादी, जिन्हें गरीब माना जाता है, की दौलत 11% घट गई है.
| ऑक्सफैम रिपोर्ट – भारत के संदर्भ में |
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ऑक्सफैम रिपोर्ट – भारत में महिलाओं की स्थिति

- भारत में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कम वेतन वाले काम मिलते हैं. देश के 119 सदस्यीय अरबपतियों में सिर्फ 9 महिलाएं हैं.
- रिपोर्ट के अनुसार देश में महिला-पुरुष के वेतन के बीच का यह फर्क 34% का है. रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि धर्म, जाति, वर्ग, उम्र और लिंग जैसे कारक भी महिलाओं के प्रति असमानता को प्रभावित करते हैं.
- ऑक्सफैम की इस रिपोर्ट में ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स-2018 में भारत की 108वीं रैंकिंग के बारे में भी बताया गया है. साल 2006 के मुकाबले इसमें सिर्फ 10 पायदान की कमी आई है. इस मामले में भारत अपने पड़ोसी देश चीन और बांग्लादेश से पीछे है.
- ऑक्सफैम की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर की महिलाएं साल भर में 710 लाख करोड़ रुपए (10 लाख करोड़ डॉलर) के मेहनताने के बराबर ऐसे काम करती हैं जिनका उन्हें भुगतान नहीं मिलता.
- ऑक्सफैम रिपोर्ट के अनुसार भारत की महिलाएं घर और बच्चों की देखभाल जैसे बिना भुगतान वाले जो काम करती हैं, उसका मूल्य देश की जीडीपी के 3.1% के बराबर है.
- रिपोर्ट के आंकड़े के अनुसार भारत के शहरी इलाकों में महिलाएं प्रतिदिन 312 मिनट ऐसे कामों में लगाती हैं जिनके लिए उन्हें कोई भुगतान नहीं मिलता. ग्रामीण इलाकों की महिलाएं हर रोज़ 291 मिनट ऐसे कामों को देती हैं.
ऑक्सफैम रिपोर्ट – वैश्विक संदर्भ में
- रिपोर्ट के अनुसार विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति और अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस की संपत्ति बढ़कर 112 अरब डॉलर हो गयी. उनकी संपत्ति का महज एक प्रतिशत हिस्सा यूथोपिया के स्वास्थ्य बजट के बराबर है.
- ऑक्सफैम ने दावोस में मंच की इस सालाना बैठक के लिए जुटे दुनिया भर के राजनीतिक और व्यावसायिक नेताओं से आग्रह किया है कि वे अमीर और गरीब लोगों के बीच बढ़ रही खाई को पाटने के लिए तत्काल कदम उठाएं.
- रिपोर्ट का विश्लेषण करते हुए कहा गया है कि बढ़ती असमानता गरीबी के खिलाफ संघर्ष को ही कमतर करके नहीं आंक रही है बल्कि अर्थव्यवस्थाओं को चौपट कर रही है और विश्वभर में जनाक्रोश पैदा कर रही है.
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