International Day of Persons with Disabilities 2021: अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस प्रतिवर्ष 03 दिसंबर को मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य समाज में दिव्यांगजनों का विकास सुनिश्चित करना है. इस दिवस को मनाने के पीछे दिव्यांगता को सामाजिक कलंक मानने की धारणा से लोगों को दूर करने का प्रयास है. हर वर्ष दुनिया के तमाम देशों में 3 दिसंबर को दिव्यांगों के उत्थान, उनके स्वास्थ्य व सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
दिव्यांगता को समाज में आज भी एक कलंक के तौर पर देखा जाता है. यह दिवस ऐसे में लोगों में दिव्यांगता मामले की समझ बढ़ाने, दिव्यांगजनों के सामाजिक सम्मान की स्थापना, उनके अधिकारों एवं कल्याण पर ध्यान केंद्रित कराने के उद्देश्यों हेतु काफी ही अहम है. इस बार कोविड-19 के चलते अधिकांश जगहों पर ऑनलाइन कार्यक्रम होंगे.
दिव्यांगों के लिए कानून
सरकार द्वारा दिव्यांगजनों से भेदभाव किए जाने पर दो साल तक की कैद और पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इनके लिए भारतीय कानून में आरक्षण की व्यवस्था भी की गई है. पहले दिव्यांगजनों के लिए तीन फीसदी आरक्षण का प्रावधान था लेकिन अब इसे बढ़ाकर चार फीसदी कर दिया गया है.
विश्व विकलांग दिवस का महत्व
विश्व विकलांग दिवस का महत्व तब बढ़ जाता है, जब बात विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की आती है. यही एक ऐसा दिन होता है, जब विकलांग व्यक्तियों के कल्याण की बातें की जाती हैं. विकलांग व्यक्तियों के कामों की तारीफ करते हुए उन्हें पुरस्कृत करने से इस दिन की अहमियत और ज्यादा बढ़ जाती है.
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के बारे में
• संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिवस का आयोजन साल 1992 से किया जा रहा है.
• इस दिवस का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों की दिक्कतों को समझना, उनके अधिकारों हेतु कार्य करना तथा उन्हें सशक्त बनाना है.
• इस दिवस का अन्य प्रयोजन दिव्यांग लोगों को राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक जीवन की मुख्यधारा में शामिल करना है.
• संयुक्त राष्ट्र ने विकलांगों की दुर्दशा को ध्यान में रखते हुए, साल 2006 में 'विकलांग लोगों के अधिकारों पर कन्वेंशन' को अपनाया. कन्वेंशन • पर कुल मिलाकर 160 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं.
• दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु कई नई योजनाएं और कार्यक्रमों की भी शुरूआत की गई है.
• दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण के लिए योजनाओं और कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने हेतु, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक नये विभाग का शुभारंभ साल 2012 में किया गया.
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