International Mother Language Day 2022: ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ विश्व भर में 21 फरवरी को मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में अपनी भाषा-संस्कृति (Language culture) के प्रति लोगों में रुझान पैदा करना तथा जागरुकता फैलाना है. सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का विचार बांग्लादेश से आया था.
मानव जीवन में भाषा की बहुत अहम भूमिका होती है क्योंकि इसी के माध्यम से दूरदराज के देशों तक भी संवाद स्थापित किया जा सकता है. ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ को मनाने का विचार कनाडा में रहने वाले बांग्लादेशी रफीकुल इस्लाम द्वारा दिया गया था. यह दिवस बांग्ला भाषा के अस्तित्व को बनाए रखने हेतु भी याद किया जाता है.
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2022 की थीम
यूनेस्को द्वारा प्रत्येक साल इस विशेष दिन को मनाने के लिए एक अनूठी थीम चुनी जाती है. अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2022 की थीम 'बहुतभाषी शिक्षा के लिए प्रोद्यौगिकी का उपयोग: चुनौतियां और अवसर' है. यह बहुभाषी शिक्षा को आगे बढ़ाने एवं सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और सीखने के विकास को सहायता करने हेतु प्रौद्योगिकी की संभावित भूमिका पर केंद्रित है.
क्यों मनाया जाता मातृभाषा दिवस है?
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य है कि विश्वभर की भाषाओं और सांस्कृतिक का सम्मान हो. इस दिन को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य विश्व भर में भाषायी एवं सांस्कृतिक विविधता का प्रचार-प्रसार करना है तथा विश्व में विभिन्न मातृभाषाओं के प्रति लोगों को जागरुक करना है.
इतनी भाषाएं विश्व भर में बोली जाती हैं?
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक लगभग 6900 भाषाएं हैं जो विश्व भर में बोली जाती हैं. इनमें से 90 फीसदी भाषाएं बोलने वाले लोग एक लाख से भी कम हैं. विश्व में जो भाषाएं सबसे अधिक बोली जाती हैं. उनमें अंग्रेजी, हिंदी, जैपनीज़, स्पैनिश, बांग्ला, पंजाबी, रूसी, पुर्तगाली और अरबी भाषा शामिल हैं.
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के सामान्य सम्मेलन ने 17 नवंबर 1999 में मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की. इसमें फैसला लिया गया कि 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाएगा. यूनेस्को (UNESCO) द्वारा साल 1999 में मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की गई थी. पहली बार इस दिन को साल 2000 में ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ के रूप में मनाया गया था.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation