केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष के अन्वेषण और उपयोग में सहयोग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और संयुक्त अरब अमीरात अंतरिक्ष एजेंसी (यूएइएसए) के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन को मई 2016 में स्वीकृत किया.
इस समझौता ज्ञापन के तहत इसरो और यूएइएसए के सदस्यों का एक कार्य-समूह बनाया जाएगा, जो समयबद्ध तरीके से इस समझौता ज्ञापन को लागू करने के लिए योजनाओं पर काम करेगा.
पृष्ठभूमि:
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अगस्त 2015 में संयुक्त अरब अमीरात में भारत के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान प्रकाश डाला गया था और सितंबर 2015 में नई दिल्ली में आर्थिक और तकनीकी सहयोग के लिए भारत-संयुक्त अरब अमीरात के संयुक्त आयोग की 11वीं बैठक भी आयोजित की गई थी. बाद में यूएइएसए से एक प्रतिनिधिमंडल ने 16 सितंबर 2015 को इसरो के तकनीकी परिसरों का दौरा किया और एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर सहित अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने की दिशा पर चर्चा की. उसी के अनुसार, इसरो और यूएइएसए शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों के विस्तार में आपसी हितों पर 11 फरवरी 2016 को नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
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