इसरो की इकाई टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आइएसटीआरएसी) ने हाल ही में अंतरिक्ष में तैनात उपग्रहों और अंतरिक्ष की गतिविधियों की निगरानी के लिए एक एंटीना टर्मिनल प्रणाली लांच की है. जहाज के सहारे समुद्र में तैनात की जाने वाली यह प्रणाली बहुत महंगी और जटिल प्रणालियों के सफल विकल्प के रूप में तैयार की गई है.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• इसरो के अनुसार एक जहाज के अंतर्गत चलने वाली यह एंटीना प्रणाली 4.6 मीटर लंबी है.
• यह उपग्रहों की ट्रैकिंग के लिहाज से सभी मौजूदा और भावी जरूरतों को पूरा करती है.
• इस सस्ती और टिकाऊ प्रणाली से सिस्टम इंजीनियरिंग के बारे में भी और पुख्ता जानकारी मिलती है.
• इससे इसरो की अभियान संबंधी विश्वसनीयता में भी सुधार आया है. शहर आधारित आइएसटीआरएसी से सभी उपग्रहों और इसरो के लांच वेहकिल अभियानों को ट्रैक किया जा सकता है.
• इसरो के मुताबिक सुदूर अंतरिक्ष अभियानों के लांच के समय और उसके बाद भी उन पर पूरी नजर रखने हेतु बड़े पैमाने पर ग्राउंड स्टेशनों की आवश्यकता पड़ती है.
• इसरो ने इस प्रणाली का अंतिम सफल परीक्षण समुद्र में किया है.
• नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलोजी के सागर मंजुषा जहाज से इस एंटीना प्रणाली को संबद्ध किया गया और बंगाल की खाड़ी से इसने सफलतापूर्वक पीएसएलवी-सी38 को ट्रैक किया है.
बेहतर दृष्यता और लांच वेहकिल की सटीक लोकेशन का पता करने के लिए समुद्र के बीचोंबीच बहुत से टीटीसी स्टेशनों की आवश्यकता पड़ती है. हालांकि वहां पर ग्राउंड स्टेशन एंटीना उपयोगी साबित नहीं होते हैं. लिहाजा, मध्य समुद्र में टीटीसी स्टेशनों के भारी-भरकम सेटअप के झंझट तथा खर्च से बचने का 4.6 मीटर की एसबीटी एंटीना प्रणाली बेहतरीन विकल्प है. इस प्रणाली में 3 एक्सिस एंटीना माउंट, एक गति उत्तेजक यंत्र (मोशन स्टुमिलेटर) एवं रिफ्लेक्टर और फीड, सर्वो कंट्रोल प्रणाली और आरएफ इलेक्ट्रानिक्स है.
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