भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) इसरो ने 01 अप्रैल 2019 को अंतरिक्ष में भारतीय रॉकेट पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल (PSLV) सी-45 द्वारा उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है. इस प्रक्षेपण में इलेक्ट्रॉनिक इंटेलीजेंस उपग्रह, एमिसैट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस मिशन को सुबह 9:27 पर लॉन्च किया गया.
एमिसैट (EMISAT) का प्रक्षेपण रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के लिए किया गया है. एमिसैट के साथ रॉकेट 28 अन्य विदेशी नैनो उपग्रहों को भी लेकर गया है. इसरो द्वारा छोड़ा गया रॉकेट पहले 436 किग्रा के एमिसैट को 749 किलोमीटर की दूरी पर कक्षा में स्थापित करेगा.
इसरो PSLV सी-45 प्रक्षेपण की विशेषताएं
- पीएसएलवी C45 द्वारा जिन उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया है उनमें सबसे महत्वपूर्ण EMISAT अर्थात इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटलाइट है. यह डीआरडीओ को डिफेंस रिसर्च में मदद करेगा.
- EMISAT के साथ अमेरिका के 24, लिथुआनिया का 1, स्पेन का 1 और स्विट्जरलैंड का 1 सैटेलाइट शामिल है.
- यह इसरो का 47वां पीएसएलवी प्रोग्राम है, जबकि ऐसा पहला है, जिसके जरिए इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटलाइट को लॉन्च किया गया है
- सबसे पहले रॉकेट ने 749 किलोमीटर की कक्षा में EMISAT को स्थापित किया और फिर 504 किलोमीटर ऑर्बिट पर 28 अन्य सैटलाइट्स को स्थापित करेगा.
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का यह पहला ऐसा मिशन है, जिसे आम लोगों की मौजूदगी में लॉन्च किया गया है.
- इसके लिए इसरो ने एक गैलरी तैयार की थी, जिसमें 5,000 लोगों के बैठने की क्षमता थी.
EMISAT की विशेषताएं |
|
सीमा प्रबंधन हेतु अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर कार्यबल
गृह मंत्रालय ने सीमा प्रबंधन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी संबंधी कार्यबल तैयार किया था जिसके द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट को गृह मंत्रालय द्वारा स्वीकार किया गया. गृह मंत्रालय ने कार्यबल का गठन इसलिए किया था ताकि सीमा प्रबंधन के सुधार में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए क्षेत्रों की पहचान की जा सके. कार्य बल का नेतृत्व संयुक्त सचिव (सीमा प्रबंधन) ने किया और इसके सदस्यों में सीमा सुरक्षा बल, अंतरिक्ष विभाग तथा सीमा प्रबंधन प्रभाग के प्रतिनिधि शामिल थे. कार्य बल ने इसरो और रक्षा मंत्रालय सहित विभिन्न पक्षों के साथ विचार विमर्श के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया. अंतरिक्ष विभाग की मदद से गृह मंत्रालय द्वारा इस परियोजना का कार्यान्वयन किया गया. इस परियोजना से द्वीपीय एवं सीमा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और सीमा एवं द्वीपीय क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे के विकास में मदद मिलेगी जिसके लिए गृह मंत्रालय आर्थिक सहायता भी प्रदान करता है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation