इसरो ने संचार उपग्रह जीसैट-29 का सफल प्रक्षेपण किया

Nov 15, 2018, 09:31 IST

इसरो द्वारा प्रक्षेपित किये गये जीसैट-29 उपग्रह को भारत के लिए काफी अहम माना जा रहा है. इससे जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने में मदद मिलेगी.

ISRO successfully launches GSAT 29 satellite
ISRO successfully launches GSAT 29 satellite

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 14 नवंबर 2018 को गाजा नामक तूफान के खतरे की आशंका के बावजूद आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से संचार उपग्रह जीसैट-29 का सफल प्रक्षेपण किया.

इस उपग्रह का वजन 3,423 किलोग्राम है तथा यह उपग्रह इसरो के सबसे ताकतवर रॉकेट जीएसएलवी-एमके3-डी2 के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया. जीसैट-29 शाम 5:08 बजे लॉन्च किया गया. यह श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ 67वां और भारत का 33वां संचार सैटेलाइट है.

 

क्या होगा लाभ?

इसरो द्वारा प्रक्षेपित किये गये जीसैट-29 उपग्रह को भारत के लिए काफी अहम माना जा रहा है. इससे जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने में मदद मिलेगी. उपग्रह में यूनिक किस्म का हाई रिजॉल्यूशन कैमरा लगा है. इसे जियो आई नाम दिया गया है. इससे हिंद महासागर में जहाजों पर भी निगरानी की जा सकेगी. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस उपग्रह की मदद से भविष्य के स्पेस मिशन के लिए पहली बार इन तकनीकियों का परीक्षण किया गया है.


जीएसएलवी-एमके3-डी2 रॉकेट


•    जीसैट -29 को लॉन्च करने के लिए जीएसएलवी-एमके 2 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है.

•    इसे भारत का सबसे वजनी रॉकेट माना जाता है, जिसका वजन 640 टन है.

•    इस रॉकेट की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह भारत में बना है. इस पूरे प्रॉजेक्ट में 15 साल लगे हैं.

•    इस रॉकेट की ऊंचाई 13 मंजिल की बिल्डिंग के बराबर है और ये चार टन तक के उपग्रह लॉन्च कर सकता है.

•    अपनी पहली उड़ान में इस ने रॉकेट 3136 किलोग्राम के सैटलाइट को उसकी कक्षा में पहुंचाया था.

•    इस रॉकेट में स्वदेशी तकनीक से तैयार हुआ नया क्रायोजेनिक इंजन लगा है, जिसमें लिक्विड ऑक्सीजन और हाइड्रोजन का ईंधन के तौर पर इस्तेमाल होता है.

•    जीएसएलवी-एमके 2 की दूसरी उड़ान होगी, जो लॉन्च होने के बाद 10 साल तक काम करेगा.

•    लॉन्च होने के बाद इसे पृथ्वी से 36,000 किमी दूर जियो स्टेशनरी ऑर्बिट (जीएसओ) में स्थापित किया गया है.

भारत के संचार उपग्रह


दूरसंचार के प्रयोजनों के लिए संचार उपग्रह अंतरिक्ष में तैनात एक कृत्रिम उपग्रह है. भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इन्सैट) प्रणाली, भूस्थिर कक्षा में स्थापित नौ प्रचलनात्मक संचार उपग्रहों सहित एशिया-पे‍सिफिक क्षेत्र में सबसे बड़े घरेलू संचार उपग्रहों में से एक है. इन्सैट-1बी से शुरूआत करते हुए इसकी स्थापना 1983 में की गई. इसने भारत के संचार क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्रांति की शुरूआत की तथा बाद में भी इसे बरकरार रखा. वर्तमान में प्रचलनात्मक संचार उपग्रह है इन्सैट-3ए, इन्सैट-3सी, इन्सैट-3ई, इन्सैट-4ए, इन्सैट-4सी.आर, जीसैट-8, जीसैट-10 तथा जीसैट-12.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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