भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 24 जनवरी 2019 को विश्व के सबसे छोटे सैटेलाइट ‘कलामसैट’ को लॉन्च किया. पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल PSLV C-44 के द्वारा कलामसैट और माइक्रो सैट-आर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया.
कलामसैट की खासियत यह है कि इसे छात्रों ने विकसित किया है. इसके अलावा, माइक्रोसैट-आर की खासियत है कि यह अन्तरिक्ष से पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम है. इसरो की ओर से जारी मिशन की जानकारी के अनुसार, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV C-44 के लॉन्चिंग की उल्टी सुचारु रूप से आरंभ की गई. यह इसरो के पीएसएलवी व्हीकल की 46वीं उड़ान है.
कलामसैट की विशेषताएं |
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कलामसैट बनाने वाले छात्रों की टीम.
पीएसएलवी-सी44 मिशन
पीएसएलवी-सी44 ने उड़ान भरने के लगभग 14 मिनट बाद इमेजिंग सैटेलाइट माइक्रोसैट आर को 277 किलोमीटर की ऊंचाई पर अलग कर दिया. अलग होने के बाद इसने लगभग 103वें मिनट में 450 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचकर काम करना शुरू कर दिया. कलामसैट सैटेलाइट रॉकेट के चौथे चरण को कक्षीय प्लेटफॉर्म के रूप में इस्तेमाल करेगा. रॉकेट ने अपने चौथे चरण में कलामसैट को अत्यधिक ऊंचाई वाली कक्षा में स्थापित कर दिया, जहां से वह परीक्षण कार्यों को अंजाम दे रहा है.
इसरो (ISRO) द्वारा बनाये गये अन्य स्टूडेंट सैटेलाईट
निउसैट
तमिलनाडु राज्य में नूरुल इस्लाम विश्वविद्यालय से भारतीय विश्वविद्यालय/शैक्षणिक संस्थान का उपग्रह निउसैट पीएसएलवी-सी-38 द्वारा प्रमोचन किया गया है.
मिशन उद्देश्य: यह 15 किग्रा का त्रिअक्षीय स्थिर उपग्रह कृषि फसल मॉनिटरिंग और आपदा प्रबंधन सहायता अनुप्रयोगों के लिए मल्टी-स्पेक्ट्रल प्रतिबिंब प्रदान करने के लिए बनाया गया है.
टेलीमेट्री/टेली-कमांड ऑपरेशन के लिए यूएचएफ/वीएचएफ ऐन्टेना के साथ समर्पित मिशन कंट्रोल सेंटर और पेलोड डाटा प्राप्ति के लिए एस बैंड एंटीना की स्थापना विश्वविद्यालय में की गई है.
द्रव्यमान: 15 किलो
कक्षा: 505 किमी एसएसपीओ
पीसैट
पी इ एस विश्वविद्यालय, बेंगलुरू और उसके संघ का उपग्रह
मिशन उद्देश्य: सुदूर संवेदन उपयोगों के लिए नैनो उपग्रह का डिजाइन और विकास
द्रव्यमान: 5.25 किलो
कक्षा: 670 किमी एसएसपीओ
सत्यभामासैट
सत्यभामा विश्वविद्यालय, चेन्नई का उपग्रह
मिशन के उद्देश्य: ग्रीन हाउस गैसों पर डेटा (जल वाष्प, कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और हाइड्रोजन फ्लोराइड) का संग्रहण.
प्रथम
आईआईटी, मुंबई का उपग्रह
मिशन उद्देश्य: 1 किमीx1 किमी स्थान ग्रिड विभेदन के साथ भारत और पेरिस (फ्रांस) पर कुल इलेक्ट्रॉन गणना (टीईसी) का अनुमान लगाना.
द्रव्यमान: 10 किलो
कक्षा: 670 किमी एसएसपी
पीएसएलवी के विषय में
ध्रुवीय उपग्रह लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी), विश्व के सर्वाधिक विश्वसनीय लॉन्चिंग व्हीकलों में से एक है. यह गत 20 वर्षो से भी अधिक समय से अपनी सेवाएं उपलब्ध करा रहा है तथा इसने चंद्रयान-1, मंगल कक्षित्र मिशन, अंतरिक्ष कैप्सूल पुनःप्रापण प्रयोग (स्पेस कैप्सूल रिकवरी एक्सपरिमेंट), भारतीय क्षेत्रीय दिशानिर्देशन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) आदि जैसे अनेक ऐतिहासिक मिशनों के लिए उपग्रहों का लॉन्च किया है. लॉन्च सेवादाता के रूप में पीएसएलवी कई संगठनों की पहली पसंद है तथा इसने 19 देशों के 40 से अधिक उपग्रहों को लॉन्च किया है. वर्ष 2008 में इसने एक लॉन्च में सर्वाधिक, 10 उपग्रहों को विभिन्न निम्न पृथ्वी कक्षा में स्थापित करने का रिकार्ड बनाया था.
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