भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आभासी तौर पर उत्तर प्रदेश के IIT-BHU में क्षेत्रीय शैक्षणिक केंद्र (RAC-S) स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं.
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए यह समझौता भविष्य की तकनीक में उन्नत शोध का मार्ग प्रशस्त करेगा.
IIT-BHU के निदेशक, प्रो पी.के. जैन के अनुसार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश राज्यों में अंतरिक्ष के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए यह क्षेत्रीय शैक्षणिक केंद्र एक प्रमुख सुविधा केंद्र के तौर पर कार्य करेगा.
मुख्य विशेषताएं
- इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से, IIT-BHU इसरो के अनुसंधान और विकास गतिविधियों के लिए जागरूकता सृजन, क्षमता निर्माण और एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा.
- शैक्षिक केंद्र की सारी गतिविधियों का लक्ष्य इसरो और IIT-BHU में उपलब्ध अनुसंधान क्षमता, अवसंरचना और विशेषज्ञता के उपयोग को अधिकतम सीमा तक ले जाना होगा.
- अंतरिक्ष के लिए IIT-BHU क्षेत्रीय शैक्षणिक केंद्र का नेता और इस परियोजना को मॉनिटर करने वाला होगा.
- इसके केंद्र में तीन राज्यों के विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उत्कृष्टता के संस्थान शामिल होंगे. इन संस्थानों को विभिन्न अनुसंधान और विकास गतिविधियों में भाग लेने के लिए एकजुट किया जाएगा.
- IIT-BHU, इस केंद्र की मदद से, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कृषि, अंतरिक्ष अनुप्रयोग, दूरसंचार, जल संसाधन और मौसम विज्ञान में अनुसंधान का लाभ उठाकर प्रभावी प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए विकासात्मक मॉडल तैयार करेगा.
महत्व
- अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए स्थापित होने वाले इस क्षेत्रीय शैक्षणिक केंद्र से देश के पूर्वांचल और मध्य क्षेत्रों को बहुत लाभ होने की उम्मीद है. यह केंद्र अनुसंधान और विकास की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक परियोजनाओं की सुविधा प्रदान करेगा.
- इस क्रम में बी. टेक/ एम. टेक के लिए अल्पकालिक परियोजनाओं के लिए इस संस्थान या सहयोगी संस्थानों के टेक छात्रों को भी शामिल किया जाएगा.
- केंद्र दीर्घकालिक अनुसंधान और विकास परियोजनाओं की भी पेशकश करेगा, जो पीएचडी कार्यक्रम तक होंगी.
- इसके अलावा, इस क्षेत्र में ज्ञान के आधार को मजबूत करने के लिए विभिन्न क्षमता निर्माण कार्यक्रम जैसेकि, सम्मेलन, प्रदर्शनी और लघु पाठ्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.
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