केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा एक आन्तरिक पैनल का गठन किया गया है जो अत्यधिक धनाड्य लोगों के कर/लोन अदायगी संबंधी मामलों की जांच करेगा.
यह पैनल इस बात को सुनिश्चित करेगा कि धनाड्य लोग समय से कर अदायगी करें. पैनल ऐसे लोगों से बकाया करों की वसूली के लिए कार्य योजना तैयार करेगा. बोर्ड का कहना है कि वह एक नयी टीम बना रहा है, क्योंकि हाल ही के समय में ऐसे कई मामले आये हैं, जिनमें धनाड्य लोग देश छोड़कर चले जाते हैं और विदेश में बस जाते हैं. इसके अनुसार, इस तरह के अति धनाढ्य खुद को कराधान के लिहाज से प्रवासी नागरिक बता सकते हैं, जो कि बड़ा कर जोखिम है.
सीबीडीटी के आदेश की मुख्य बातें
• सीबीडीटी के आदेश में कहा गया है कि इस समिति की अगुवाई वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी करेगा.
• समिति अति धनाढ्यों एचएनडब्ल्यूआई से जुड़े इस तरह के मामलों के कराधान पहलू पर विचार करेगी.
• यह समिति सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा के निर्देश पर गठित की गयी है.
• धन कुबेरों के देश से भाग जाने और विदेश में बसने के हालिया मामलो से चिंतित केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने यह समिति गठित की है, जो कि इस तरह के मामलों का अध्ययन करेगी.
• समिति ऐसे लोगों से बकाया टैक्स की वसूली के लिए कार्य योजना तैयार करेगी.
पृष्ठभूमि
• पिछले कुछ वर्षों से केंद्र सरकार ने 1 करोड़ या इससे अधिक आय वाले लोगों पर अत्यधिक टैक्स लगाना आरंभ किया है.
• यह मुद्दा इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल ही में बड़ी रकम का लोन लेकर विदेश भागने के कई केस सामने आये हैं.
• आयकर विभाग ने विभिन्न देशों के साथ संधियां की हैं ताकि वहां भाग जाने वाले दोषियों के प्रत्यर्पण में आसानी हो सके.
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