कारगिल विजय दिवस भारत में प्रत्येक साल 26 जुलाई के दिन मनाया जाता है. यह दिन कारगिल संघर्ष में शहीद हुए सैनिकों को पूरे देश में श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. सारा देश इस दिवस पर युद्ध में जान न्यौछावर करने वाले शहीदों को याद कर रहा है. शहीदों के लिए सबकी आंखों में सम्मान झलक रहा है.
कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए उन सैंकड़ों सैनिकों को याद किया जाता है जिनकी बदौलत हमारी सीमा और देश की सुरक्षा हो सकी. साल 2019 को 20वां कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है.
रक्षा मंत्री ने श्रद्धांजलि दी
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नेशनल वॉर मेमोरियल में करगिल विजय दिवस के 20वीं सालगिरह के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने इस अवसर पर कहा की सारा देश उन सभी शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बहादुरी से लड़ते हुए भारत के सम्मान की रक्षा की. उनका प्रचंड साहस एवं बलिदान प्रेरणा देने वाला है.
कारगिल दिवस पर पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल विजय दिवस पर कहा की सभी वीर सपूतों का मैं हृदय से नमन करता हूं. यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है. इस अवसर पर उन पराक्रमी योद्धाओं को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने देश की रक्षा में अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया.
कारगिल दिवस पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कहा की कारगिल विजय दिवस हमारे कृतज्ञ राष्ट्र के लिए साल 1999 में कारगिल की चोटियों पर अपने सशस्त्र बलों की वीरता को याद करने का दिन है. हम इस अवसर पर, भारत की रक्षा करने वाले योद्धाओं के धैर्य तथा शौर्य को नमन करते हैं. हम सभी शहीदों के प्रति हमेशा ऋणी रहेंगे.
कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में भारत में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ इसी क्रम में नई दिल्ली में कारगिल वॉर के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों के परिवारजनों को सम्मानित किया गया तथा देश के लिए न्योछावर हुए उन शहीदों के बलिदान को याद किया गया. इस अवसर पर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा (परमवीर चक्र), शहीद कैप्टन विजयंत थापर (वीर चक्र), कैप्टन हनीफुद्दीन (वीर चक्र) के परिवारजन भी मौजूद थे.
कारगिल युद्ध: कारगिल युद्ध 03 मई 1999 से शुरू हुआ था. यह युद्ध करीब ढाई महीने तक चला और 26 जुलाई 1999 को समाप्त हुआ. कारगिल विजय दिवस के दिन देशभर में सैनिक, पुलिस और आम लोग भी देशभक्ति कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं. कारगिल युद्ध के बाद कैप्टन विक्रम बत्रा (मरणोपरांत), लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडेय (मरणोपरांत), रायफलमैन संजय कुमार और ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव को भारत के सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया. भारत की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया था कि इस कार्रवाई में सेना के करीब 527 जवान शहीद हुए और लगभग 1363 घायल हुए थे. यह युद्ध करीब 16 हज़ार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया जो कि विश्व में भारतीय सेना के साहस का परिचय है. कारगिल युद्ध को कारगिल संघर्ष के नाम से भी जाना जाता है. |
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पृष्ठभूमि:
पाकिस्तानी सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने साल 1999 में कारगिल में नियंत्रण रेखा पार कर भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी. भारत के नियंत्रण वाले क्षेत्र पर कब्ज़ा करने की कोशिश के दौरान दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया. यह युद्ध मई से लेकर जुलाई तक चला. भारत ने इस युद्ध में 26 जुलाई को जीत हासिल की. उसी दिन से 26 जुलाई के दिन कारगिल शहीदों को पूरे देश में श्रद्धांजलि दी जाती है. इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में याद किया जाता है.
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