असम में काजीरंगा नेशनल पार्क (KZP) सैटेलाइट फ़ोन्स से लैस होने वाला भारत का पहला नेशनल पार्क (राष्ट्रीय उद्यान) बन गया है.
अवैध शिकार को रोकने और समन्वित कामकाज सुनिश्चित करने में सहायता प्रदान करने के लिए अपनी तरह के इस पहले कदम में, काजीरंगा नेशनल पार्क के अधिकारियों को सैटेलाइट फोन उपलब्ध कराए गए हैं.
असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ ने काजीरंगा नेशनल पार्क के वन कर्मियों को 10 सैटेलाइट फोन सौंपे हैं. 27 मई को नेशनल पार्क में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया था.
इस बैठक में पर्यावरण एवं वन मंत्री परिमल सुकलाईबैद्य, मंत्री अतुल बोरा और केशव महंत, काजीरंगा नेशनल पार्क के निदेशक, आसपास के जिलों के उपायुक्तों के साथ-साथ वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे.
महत्त्व
काजीरंगा नेशनल पार्क, जोकि 430 वर्ग किमी के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है और ऊपरी असम में छह श्रेणियों में विभाजित है, में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां कोई संपर्क नहीं है या फिर, कनेक्टिविटी काफी कम है.
काजीरंगा पार्क के अधिकारियों को दिए गए सैटेलाइट फ़ोन्स, जो मोबाइल टावरों के बजाय उपग्रहों से संकेत लेते हैं, अधिकांश दूरस्थ स्थानों में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेंगे. इस कदम से पार्क द्वारा किए गए अवैध शिकार विरोधी उपायों को भी बढ़ावा मिलेगा.
मुख्य विशेषताएं
• असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस नेशनल पार्क के लिए 16 लाख रुपये की अनुमानित लागत से 10 सैटेलाइट फोन खरीदे हैं.
• BSNL सेवा प्रदाता होगा और पार्क प्राधिकरण इसका मासिक खर्च वहन करेगा.
• BSNL ने वन कर्मियों को ऐसे छाया वाले क्षेत्रों में भी इन सैटेलाइट फ़ोन्स को संचालित करने के लिए भी प्रशिक्षित किया है जहां मोबाइल फ़ोन्स काम नहीं करते हैं.
सैटेलाइट फ़ोन्स वन कर्मियों को देते हैं बढ़त
वन और पर्यावरण मंत्री परिमल सुकलाईबैद्य ने सेटेलाइट फ़ोन्स उपलब्ध कराने में तत्परता दिखाने के लिए असम के मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है.
उन्होंने संचार बाधाओं को महसूस करने और पार्क अधिकारियों को सैटेलाइट फ़ोन्स उपलब्ध कराने के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है. उन्होंने यह भी कहा है कि, ये फ़ोन्स समन्वय के लिए बेहद उपयोगी होंगे क्योंकि ये विशाल काजीरंगा नेशनल पार्क की एक आवश्यकता हैं.
वन कर्मियों के लिए ये सैटेलाइट फ़ोन्स शिकारियों पर और बाढ़ जैसी आपात स्थिति के दौरान भी लाभदायक साबित होंगे.
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