वैज्ञानिकों द्वारा 130 वर्ष बाद किलोग्राम की परिभाषा बदले जाने की घोषणा

Nov 18, 2018, 11:09 IST

प्लैंक कांस्टेंट द्वारा पुनर्परिभाषित नए सिस्टम में द्रव्यमान की यूनिट इलेक्ट्रिकल फोर्स के ज़रिए निर्धारित होती है. ये नए बदलाव 20 मई 2019 से वर्ल्ड मेट्रोलोजी डे पर प्रभाव में आएंगे.

Kilogram gets new definition by scientist after 130 years
Kilogram gets new definition by scientist after 130 years

वैज्ञानिकों ने 16 नवंबर 2018 को सर्वसम्मति से किलोग्राम की परिभाषा बदलने का निर्णय लिया है. इस नई परिभाषा के परिणामस्वरूप पेरिस में 1889 में अपनाए गए प्लैटिनम अलॉय सिलिंडर का उपयोग बंद हो जाएगा.

प्लैंक कांस्टेंट द्वारा पुनर्परिभाषित नए सिस्टम में द्रव्यमान की यूनिट इलेक्ट्रिकल फोर्स के ज़रिए निर्धारित होती है. ये नए बदलाव 20 मई 2019 से वर्ल्ड मेट्रोलोजी डे पर प्रभाव में आएंगे.

स्मरणीय तथ्य

•    वैज्ञानिकों ने किलोग्राम की परिभाषा बदल दी है. नई परिभाषा को 50 से ज़्यादा देशों ने सर्वसम्मति से मंजूरी भी दे दी है.

•    वर्तमान में इसे प्लेटिनम से बनी एक सिल के वज़न से परिभाषित किया जाता है जिसे 'ली ग्रैंड के'  (Le Grand K) कहा जाता है. ऐसी एक सिल पश्चिमी पेरिस में इंटरनेशनल ब्यूरो ऑफ़ वेट्स एंड मेज़र्स (बीआईपीएम) के पास साल 1889 से बंद है.

•    वैज्ञानिकों का पक्ष था कि किलोग्राम को यांत्रिक और विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा के आधार पर परिभाषित किया जाए.

•    भविष्य में किलोग्राम को किब्बल या वाट बैलेंस का उपयोग करके मापा जाएगा. यह एक ऐसा उपकरण है जो यांत्रिक और विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा का उपयोग करके सटीक गणना करता है.

•    ऐसा होने पर किलोग्राम की परिभाषा न बदली जा सकेगी और न ही इसे कोई नुकसान पहुँचाया जा सकेगा. यह न केवल फ्रांस में बल्कि दुनिया में कहीं भी वैज्ञानिकों को एक किलो का सटीक माप उपलब्ध करवाएगा.

अंतरराष्ट्रीय मानक प्रणाली में किलो

अंतरराष्ट्रीय मानक प्रणाली में किलो सात बेसिक यूनिट्स में से एक है. उनमें से चार हैं- किलो, एंपियर (विद्युत प्रवाह), केल्विन (ताप) और मोल (पार्टिकल नंबर). किलोग्राम अंतिम एसआई बेस यूनिट है जो अभी तक एक फ़िज़ीकल ऑब्ज़ेक्ट द्वारा परिभाषित है.


क्यों किया गया परिवर्तन?

19वीं शताब्दी में फ्रांस के अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो ऑफ वेट एंड मेजर्स (BIPM) के दफ्तर में एक कांच के कटोरे में प्लेटिनम इरीडियम धातु (Le Grand K) का एक टुकड़ा रखा गया था. इसका आकार सिलिंडर के जैसा है. ली ग्रैंड के' लंदन में निर्मित 90 प्रतिशत प्लेटिनम और दस प्रतिशत इरिडियम से बना 4 सेंटीमीटर का एक सिलेंडर है, जो पश्चिमी पेरिस के सीमांत सेवरे में इंटरनेश्नल ब्यूरो ऑफ़ वेट्स एंड मेजर्स (बीआईपीएम) के वॉल्ट में साल 1889 से बंद है.

वैज्ञानिकों का मानना है कि फ़िज़ीकल ऑब्ज़ेक्ट आसानी से परमाणु को खो सकते हैं या हवा से अणुओं को अवशोषित कर सकते हैं, इसी कारण इसकी मात्रा माइक्रोग्राम में दसियों बार बदली गई थी. इसका अर्थ यह हुआ कि किलोग्राम और स्तर मापने के लिए दुनिया भर में प्रोटोटाइप का उपयोग किया जाता है. सामान्य जीवन में इसे मापा नहीं जा सकता लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण के लिए यह समस्या पैदा कर सकता है.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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