मध्य प्रदेश सरकार ने 26 नवम्बर 2017 को 12 साल या उससे कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. बच्ची से रेप के मामले में मध्यप्रदेश सरकार का यह एतिहासिक निर्णय है.
साथ ही मध्य प्रदेश कैबिनेट ने रेप के दोषियों की सजा और जुर्माना बढ़ाने के लिए दण्ड संहिता की धारा में संशोधन को भी मंजूरी प्रदान की है. राज्य मंत्रिमंडल ने गैंगरेप के दोषियों को भी मृत्यु दण्ड देने का प्रस्ताव पारित किया.
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मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने दण्ड संहिता की धारा 376 AA और 376 DA के रूप में संशोधन किया और सजा में वृध्दि के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इसके अतिरिक्त यहभी प्रावधान किय आगे कि लोक अभियोजन की सुनवाई का अवसर दिए बिना जमानत नहीं हो सकेगी.
मध्य प्रदेश राज्य सरकार के वित्तमंत्री जयंत मलैया के अनुसार दंड विधि संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान की गई है. इस विधेयक को विधानसभा में पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. मृत्युदंड को अमल में लाने हेतु दुष्कर्म की धारा 376 में ए और एडी को जोड़ा जाएगा, जिसमें मृत्युदंड का प्रावधान होगा.
एक लाख तक का जुर्माना-
मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने बलात्कार मामले में आरोपियों की जमानत राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी. इस तरह मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया, जहां बलात्कार के मामले में इस तरह के कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
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प्रमुख तथ्य-
- साथ ही शादी का प्रलोभन देकर शारीरिक शोषण करने के आरोपी को सजा के लिए 493 क में संशोधन करके संज्ञेय अपराध बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
- महिलाओं के खिलाफ आदतन अपराधी को धारा 110 के तहत गैर जमानती अपराध और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है.
- महिलाओं का पीछा करने, छेड़छाड़, निर्वस्त्र करने, हमला करने और बलात्कार का आरोप साबित होने पर न्यूनतम जुर्माना एक लाख रुपए लगाया जाएगा.
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