अंतरराष्ट्रीय मलाला दिवस 12 जुलाई को युवा कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई के जन्मदिन पर मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने प्रत्येक वर्ष 12 जुलाई को मलाला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. मलाला दिवस को विश्वभर में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों का सम्मान करने के लिए मलाला यूसुफजई के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है.
मलाला यूसुफजई ने 12 जुलाई 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र को संबोधित किया था. संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान की बाल एवं महिला अधिकार कार्यकत्री मलाला युसुफजई के जन्म दिन को इस दिवस के रूप में घोषित किया है. मलाला यूसुफजई एक पाकिस्तानी कार्यकर्ता हैं. यह दिवस विश्व भर में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है.
मलाला यूसुफजई पर अटैक
गौरतलब है कि लड़कियों की शिक्षा के लिए सार्वजनिक रूप से आवाज उठाने वाली मलाला यूसुफजई पर तालिबान बंदूधारियों द्वारा 9 अक्टूबर 2012 को गोली चलाई गई थी. हमले में गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, मलाला जल्द ही स्वस्थ होकर लोगों के बीच लौटी और पहले की तुलना में उनके विचारों में उग्रता दिखाई दी. उन्होंने एक गैर-लाभकारी संस्था ‘मलाला फंड’ की स्थापना की है, जो युवा लड़कियों को स्कूल जाने में मदद करता है.
मलाला यूसुफजई: पुरस्कार एवं सम्मान
मलाला यूसुफजई को पाकिस्तान सरकार द्वारा पहली बार साल 2012 में राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वर्ष 2014 में, वह 17 साल की उम्र में बाल अधिकारों के लिए अपने प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की प्राप्तकर्ता बन गईं.
संयुक्त राष्ट्र ने 2019 में अंत जारी की अपनी समीक्षा रिपोर्ट में मलाला को दशक में "दुनिया में सबसे प्रसिद्ध किशोरी" घोषित किया था. मलाला को कनाडा की मानद नागरिकता से भी नवाजा गया है, जिसके साथ वह कनाडा में हाउस ऑफ कॉमन्स को संबोधित करने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति बनी थी.
उन्होंने एक अन्य पुस्तक जिसका शीर्षक वी आर डिसप्लेस्ड भी लिखी है. जो कि दुनिया भर में उनके घूमने और शरणार्थी शिविरों का अनुभव करने के उसके अनुभवों का वर्णन करती है. मलाला यूसुफजई को फ्रांस के सिमोन डी बेवॉर पुरस्कार से 09 जनवरी 2013 को सम्मानित किया गया.
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