गृह मंत्रालय और अंतरिक्ष विभाग के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गृह मंत्रालय में आपातकालीन स्थिति के लिए एक अत्याधुनिक समेकित नियंत्रण कक्ष की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया.
इस एमओयू पर गृह मंत्रालय की ओर से संयुक्त सचिव (आपदा प्रबंधन) संजीव कुमार जिंदल एवं इसरो के एनआरएससी के उपनिदेशक डॉ. पी वी एन राव ने हस्ताक्षर किए.
प्रमुख तथ्य
• इसरो प्रस्तावित समेकित नियंत्रण कक्ष की स्थापना के लिए अपनी तकनीकी विशेषज्ञता देगा जबकि परियोजना का निष्पादन गृह मंत्रालय के पर्यवेक्षण में होगा.
• प्रस्तावित नियंत्रण कक्ष के अगले डेढ़ वर्ष में स्थापित हो जाने की उमीद है.
• यह आईसीआर-ईआर आपदा प्रबंधन के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा की आवश्यकता को पूरा करेगा.
• आईसीआर-ईआर निकट वास्तविक समय के आधार पर जानकारी प्राप्त होने की आवश्यकता को संबोधित करेगा.
• यह रणनीतिक स्तर की निगरानी, स्थिति पर नज़र बनाए रखना, आदेश और नियंत्रण, तैयारी और विविध आंतरिक सुरक्षा स्थिति और आपदा से संबंधित आपात स्थिति में प्रतिक्रिया को भी संबोधित करेगा.
भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)
• वर्ष 1962 में जब भारत सरकार द्वारा भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (इन्कोंस्पार) का गठन हुआ तब भारत ने अंतरिक्ष में जाने का निर्णय लिया.
• वर्ष 1959 में इसरो की स्थापना की गई थी तथा प्रोफेसर विक्रम साराभाई को इसका चेयरमैन बनाया गया.
• आज भारत न सिर्फ अपने अंतरिक्ष संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है बल्कि दुनिया के बहुत से देशों को अपनी अंतरिक्ष क्षमता से व्यापारिक और अन्य स्तरों पर सहयोग कर रहा है.
• इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 के इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
• मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद इसरो ने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित की.
• वर्ष 2017 में इसरो ने एक साथ 104 उपग्रहों का सफल परीक्षण करके विश्व रिकॉर्ड भी बनाया था.
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