पर्यटन मंत्रालय ने हाल ही में भारत के विभिन्न हिस्सों में फंसे विदेशी पर्यटकों की सहायता के लिए ‘स्ट्रैंडेड इन इंडिया’ पोर्टल का शुभारम्भ किया. केंद्र सरकार ने भारत में विभिन्न हिस्सों में फंसे विदेशी पर्यटकों को सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से एक पोर्टल का शुभारम्भ किया है.
इस पोर्टल पर अपने-अपने देश से दूर भारत में फंसे विदेशी पर्यटकों के लिए विभिन्न सेवाओं से जुड़ी जानकारियां दी गई हैं. इस पोर्टल का नाम ‘स्ट्रैंडेड इन इंडिया’ है. इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य विदेशी पर्यटकों के लिए एक सहायक नेटवर्क के रूप में काम करना है.
पूरी दुनिया कोरोना वायरस के चलते अचानक पैदा हुए हालात का सामना कर रही है और यह पर्यटकों विशेषकर दूसरे देशों से घूमने आए पर्यटकों की बेहतरी सुनिश्चित करने की दिशा में किया गया एक अहम प्रयास है. इस क्रम में पर्यटन मंत्रालय लगातार सतर्क बना हुआ है और पर्यटकों की जरूरतों के आधार पर सहायता के लिए विभिन्न पहलों को प्रोत्साहित कर रहा है.
उद्देश्य
पोर्टल ‘स्ट्रैंडेड इन इंडिया’ का उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे पर्यटकों के लिए सहायता नेटवर्क बनाना है. पोर्टल पर भारत में फंसे विदेशी नागरिकों को उन सेवाओं की जानकारी मिलेगी, जिसके जरिए विदेशी पर्यटक देश में रहते हुए लाभ उठा सकेंगे.
मुख्य बिंदु
• यह पोर्टल खासकर उन पर्यटकों के लिए मददकारी होगा, जो दूसरे देशों से आकर भारत में फंस गए हैं.
• मंत्रालय के अनुसार यह स्ट्रेंडेड इन इंडिया पोर्टल की शुरूआत अन्य देशों से आए और भारत में फंसे विदेशी नागरिकों की कुशलता सुनिश्चित करने का प्रयास है.
• पोर्टल strandedinindia.com पर कोविड-19 हेल्पलाइन नंबर संबंधी समग्र जानकारी मुहैया कराई गई है, जो विदेशी पर्यटक मदद के लिए प्रयोग कर सकते हैं.
• पोर्टल पर विदेश मंत्रालय के नियंत्रण केद्रों के बारे में जानकारी के साथ ही उनके संपर्क की जानकारी और राज्य अथवा क्षेत्र आधारित पर्यटन सहायता संबंधी सूचना भी उपलब्ध है.
पृष्ठभूमि
विश्वभर में कोरोना वायरस एक महामारी का रूप ले चुकी है, जिसके चलते भारत समेत सभी देशों ने इंटरनेशनल हवाई यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने हेतु 24 मार्च को 21 दिनों के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी.
दरअसल, भारत समेत लगभग सभी देशो में अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्राओं पर प्रतिबंध लगाने के पीछे संक्रमण को फैलने देने से रोकना था, क्योंकि कोरोना संक्रमण के अधिकतर मामले दूसरे देशों से लौटे यात्रियों से अधिक सामने आ रहे थे.
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