ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 19 दिसंबर 2018 को ग्रामीण युवकों को कौशल विकास प्रशिक्षण देने के लिए मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के अंतर्गत प्रशिक्षण के लिए किए गए समझौते पर ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए.
उम्मीदवारों को प्रशिक्षण:
सरकार और मोटर वाहन क्षेत्र के प्रमुख उद्योग के बीच इस साझेदारी से दो वर्षों में कम से कम 5,000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और देश के ग्रामीण युवकों को निश्चित रूप से नियोजन के अवसर मिल सकेंगे.
उद्देश्य:
मंत्रालय की इस प्रमुख योजना का उद्देश्य गांवों में रहने वाले गरीब युवकों को बाजार से जुड़े व्यापार में कौशल प्रदान करना और रोजगार के लिए उपयुक्त क्षमता सुनिश्चित करना है.
अनेक ऐसे चुनौतियां हैं जो भारत के गांवों में रहने वाले गरीबों को औपचारिक शिक्षा और रोजगार योग्य कौशल के अभाव में प्रतिस्पर्धा से रोकती है.
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना:
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत नियोजन से जुड़ा प्रमुख कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम है. योजना का उद्देश्य कौशल विकास और अन्य उपायों के माध्यम से आजीविका के अवसरों में वृद्धि कर ग्रामीण गरीबी को कम करना है.
यह योजना गरीब ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में नियमित रूप से न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे ऊपर मासिक मजदूरी प्रदान करने का लक्ष्य रखता है. यह एक ऐसी योजना जिसका मकसद बेरोज़गारों को नए अवसर प्रदान करना है. इस योजना की शुरुआत 25 सिंतबर 2014 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और वेंकैया नायडू के अधीन की गई थी.
इस योजना के तहत 250 से अधिक ट्रेडों में कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है जहां ग्रामीण या फिर निर्धन वर्ग के लोग बिना पैसो के शिक्षा/प्रशिक्षित होकर अच्छा रोज़गार प्राप्त कर सकते है.
मारुति सुजुकी:
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड सामान्यत: मारुति और इसके पूर्व में मारुति उद्योग लिमिटेड के नाम से जाना जाता था. यह संगठन भारत में मोटर निर्माता है. यह जापानी मोटरगाडी एवं मोटरसाईकिल निर्माता सुजुकी की एक सहायक कंपनी है. मारुति सुजुकी प्रवेश स्तर से कारों की पुरी शृंखलाओं के निर्माता एवं विक्रेता रह चुके हैं.
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