मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 22 मई 2017 को नर्मदा नदी में होने वाले रेत खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया हैं. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी में खनन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है.
मंत्री राजेंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जा रही है. इस समिति की वैज्ञानिक रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि कितनी रेत और किस तरह से निकाली जा सकती है? तब तक नर्मदा नदी में खनन पर रोक जारी रहेगी.
अब अवैध रेत उत्खनन करते हुए कोई भी वाहन, मशीन या फिर उपकरण पकड़ा जाएगा तो उसे जिला कलेक्टर के पास राजसात करने का अधिकार होगा. वर्तमान में केवल जुर्माने का प्रावधान है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा कि अवैध उत्खनन में लिप्त पाये गये किसी भी वाहन पर अब आर्थिक दंड लगाकर छोड़ा नहीं जायेगा, बल्कि अब इन वाहनों को सीधे जब्त किया जायेगा.
जैव विविधता को नुकसान पहुंचाए बिना रेत खनन की नीति तैयार की जाएगी. कमेटी में आईआईटी खड़गपुर सहित अन्य जगहों के विशेषज्ञों होंगे, जो वैज्ञानिक तरीके से खनन को लेकर सिफारिश करेंगे.
ज्ञात हो कि नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए राज्य में 11 दिसंबर 2016 से 15 मई 2017 तक नर्मदा सेवा यात्रा निकाली गई थी, उसके बाद नर्मदा मिशन की शुरुआत का ऐलान किया गया. उसी सिलसिले में सरकार ने यह फैसला लिया है. इस आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आए थे और उन्होंने भी अपरोक्ष रूप से नर्मदा के खनन पर चिंता जताई थी.
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