केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने तमिलनाडु के अपने समकक्ष एमके स्टालिन को पत्र लिखकर अपनी सरकार से मुल्लापेरियार बांध (Mullaperiyar Dam) से ज्यादा से ज्यादा पानी निकालने की अपील की है. क्योंकि इलाके में भारी बारिश के बाद से जलाशय का स्तर 142 फुट के लगभग पहुंच गया है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने स्टालिन सरकार से कहा कि केरल के इडुक्की जिले में पेरियार नदी के तट पर स्थित बांध में जल स्तर 24 अक्टूबर रात 137.05 फीट को पार कर गया. विजयन ने अपने पत्र में कहा कि मौजूदा हालात को देखने से लगता है कि मूसलाधार बारिश तेज होने पर जलाशय का स्तर 142 फीट तक पहुंच सकता है.
अंग्रेजों द्वारा बांध का निर्माण
मुल्लापेरियार बांध केरल के इडुक्की जिले में स्थित है. इसका प्रबंधन तमिलनाडु सरकार द्वारा किया जाता है. तमिलनाडु में मदुरै की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 1895 में अंग्रेजों द्वारा बांध का निर्माण किया गया था.
जल स्तर 136 फीट तक पहुंच गया
23 अक्टूबर को मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर 136 फीट तक पहुंच गया, जिसके बाद तमिलनाडु सरकार ने अलर्ट भेजा और इडुक्की जिला प्रशासन द्वारा बांध के नीचे रहने वाले लोगों को चेतावनी जारी की गई.
धीरे-धीरे पानी छोड़ने की तत्काल जरूरत
मुल्लापेरियार बांध से तमिलनाडु को सुरंग के माध्यम से धीरे-धीरे पानी छोड़ने की तत्काल जरूरत पड़ेगी. केरल ने पहले सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए कहा था कि बांध का जल स्तर 136 फीट पर बनाए रखा जाए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद तमिलनाडु को अधिकतम जल स्तर 142 फीट पर बनाए रखने की अनुमति दी गई थी.
उच्चतम न्यायालय ने क्या कहा?
उच्चतम न्यायालय ने 25 अक्टूबर 2021 को कहा कि पर्यवेक्षी समिति को एक सदी से अधिक पुराने मुल्लापेरियार बांध में अधिकतम जलस्तर पर एक ‘‘दृढ़ निर्णय’’ लेना चाहिए. शीर्ष अदालत ने यह बात तब कही, जब केरल में भारी बारिश के मद्देनजर इस मुद्दे को उसके समक्ष उठाया गया.
इस बांध का निर्माण
इस बांध का निर्माण केरल के इडुक्की जिले में पेरियार नदी पर 1895 में किया गया था. इसका संचालन तमिलनाडु सरकार सिंचाई और बिजली उत्पादन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए करती है. केरल सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए एक नए बांध निर्माण पर जोर देता है जबकि तमिलनाडु सरकार का कहना है कि इसका ढांचा काफी मजबूत है.
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