NASA ने की वीनस के लिए दो नए मिशन शुरू करने की योजना की घोषणा

Jun 4, 2021, 18:15 IST

इन दोनों मिशनों को डेविंसी+ (डीप एटमॉस्फियर वीनस इन्वेस्टिगेशन ऑफ नोबल गैसेस, केमिस्ट्री, और इमेजिंग का संक्षिप्त रूप) और वेरिटास (वीनस एमिसिविटी, रेडियो साइंस, InSAR, टोपोग्राफी और स्पेक्ट्रोस्कोपी के लिए एक संक्षिप्त नाम) के तौर पर डब किया गया है.

NASA announces plans to launch two new missions to Venus, its first in decades
NASA announces plans to launch two new missions to Venus, its first in decades

नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एजेंसी (NASA) ने 02 जून, 2021 को वर्ष, 2028 और वर्ष, 2030 के बीच शुक्र ग्रह पर अपने दो नए वैज्ञानिक मिशन शुरू करने की अपनी योजना की घोषणा की है.

NASA द्वारा पृथ्वी की इस ‘तथाकथित बहन’ ग्रह के लिए ये दोनों ही मिशन, कई दशकों में अपनी किस्म के पहले मिशन होंगे और ये दोनों मिशन इस ग्रह के वातावरण और भूगर्भीय विशेषताओं का अध्ययन करेंगे.

संयुक्त राज्य अमेरिका की इस अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, वह इन दोनों मिशनों में से, प्रत्येक मिशन के विकास के लिए लगभग 500 मिलियन डॉलर की राशि प्रदान कर रही थी.

उन्हें डेविंसी+ (डीप एटमॉस्फियर वीनस इन्वेस्टिगेशन ऑफ नोबल गैसेस, केमिस्ट्री, और इमेजिंग का संक्षिप्त रूप) और वेरिटास (वीनस एमिसिविटी, रेडियो साइंस, InSAR, टोपोग्राफी और स्पेक्ट्रोस्कोपी के लिए एक संक्षिप्त नाम) के तौर पर डब किया गया है.

डेविंसी+ और वेरिटास का कार्य क्या होगा?

डेविंसी+

यह घने वीनसियन वातावरण की संरचना को मापेगा और यह समझने की कोशिश करेगा कि यह कैसे विकसित हुआ.

डेविंसी+ में एक फ्लाई-बाय अंतरिक्ष यान और एक वायुमंडलीय उतरान (डिसेंट) जांच भी शामिल होगी. इसके द्वारा शुक्र पर 'टेसेरा' नामक अद्वितीय भूवैज्ञानिक विशेषताओं की पहली उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियों को पृथ्वी पर भेजने की उम्मीद है. वैज्ञानिकों का मानना ​​​​है कि उन विशेषताओं की तुलना पृथ्वी के महाद्वीपों से की जा सकती है और वे यह सुझाव भी देते हैं कि, शुक्र के पास प्लेट टेक्टोनिक्स हैं.

वेरिटास

यह शुक्र ग्रह के भूवैज्ञानिक इतिहास को निर्धारित करने में मदद करने के लिए इसकी कक्षा से ही इस ग्रह की सतह का मानचित्रण करेगा और यह भी जानने का प्रयास करेगा कि, इस ग्रह का विकास पृथ्वी से इतना अलग क्यों हुआ था.

शुक्र: पृथ्वी का निकटतम ग्रह पड़ोसी

शुक्र सूर्य से दूसरा ग्रह है और यह पृथ्वी का निकटतम पड़ोसी ग्रह भी है. यह संरचना में पृथ्वी के समान है, लेकिन लगभग 12,000 किलोमीटर (7,500 मील) के व्यास के साथ थोड़ा छोटा है.

शुक्र के पूर्वाभास परिदेश्य के ऊपर एक जहरीला, घना वातावरण है जिसमें मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड होता है, इसके साथ ही शुक्र के वातावरण में सल्फ्यूरिक एसिड की बूंदों के बादल भी होते हैं. इसका परिणाम एक अस्थिर ग्रीनहाउस प्रभाव होता है जो ग्रह की सतह को 880 डिग्री फ़ारेनहाइट (471 सेल्सियस) के उच्च तापमान पर झुलसाता है. यह तापमान सीसा को पिघलाने के लिए भी पर्याप्त गर्म होता है.

इस मिशन की घोषणा करते हुए, NASA के विज्ञान के संबद्ध प्रशासक ने यह कहा कि, NASA अपने ग्रह विज्ञान कार्यक्रम को एक ऐसी दुनिया की गहन खोज के साथ पुनर्जीवित करेगा जिसे NASA ने पिछले 30 वर्षों में नहीं देखा है.

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