अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में एक नए ग्रह की खोज की है. संभावना जताई जा रही है कि यह पिंड हमारी आकाशगंगा (Galaxy) के बाहर खोजा जाने वाला पहला ग्रह हो सकता है. अबतक लगभग 5000 बाह्यग्रहों (Exoplanet) की खोज की जा चुकी है, लेकिन ये सभी हमारी मिल्की वे आकाशगंगा के भीतर स्थित हैं.
ये बाह्यग्रहों (Exoplanet) हमारे ही सूर्य की परिक्रमा करते हैं. अभी तक हमारे वैज्ञानिकों को जितने भी बाह्यग्रहों की जानकारी मिली है. वहां सभी हमारी गैलेक्सी के ही ग्रह लेकिन हमारे सौरमंडल (Solar system) के बाहर के ग्रह थे. हमारी गैलेक्सी में भी भारी मात्रा में मौजूद तारों का चक्कर लगाने वाले ये बाह्यग्रह हमारे सौरमंडल को समझने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
खगोलीय घटनाओं के कारण उत्सर्जन
खगोलविदों ने अभी तक लगभग 5 हजार ऐसे बाह्यग्रहों की खोज की है. इनमें से कुछ पृथ्वी की तरह हैं तो कुछ गुरु ग्रह के आकार के लेकिन गर्म हैं, तो वहीं कुछ खगोलीय घटनाओं के कारण उत्सर्जन भी कर रहे हैं. लेकिन ये भी हमारी गैलेक्सी मिल्की वे के दायरे अंदर ही मौजूद हैं जो पृथ्वी से लगभग तीन हजार प्रकाशवर्ष तक की दूरी तक है.
बाह्यग्रहों की खोज
बाह्यग्रहों की खोज के लिए खगोलविद किसी तारे से आ रहे प्रकाश का अध्ययन करते हैं, जब वह ग्रह अपने तारे के सामने से गुजरता है. इससे इस प्रकाश में बदलाव होने लगता है.
जर्नल नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित
इस ग्रह की खोज करने वाले वैज्ञानिकों ने यह स्वीकार किया है कि उन्हें अपने दावे को सही साबित करने के लिए और अधिक डेटा की जरूरत है. इस खोज से संबंधित रिसर्च पेपर को प्रसिद्ध साइंस जर्नल नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित किया गया है.
एक्स-रे टेलीस्कोप के जरिए खोजा गया
इस संभावित ग्रह को चंद्र एक्स-रे टेलीस्कोप के जरिए खोजा गया है. यह हमारी आकाशगंगा से 2 करोड़ 80 लाख प्रकाशवर्ष दूर मेसियर 51 आकाशगंगा में स्थित है. इस ग्रह की खोज ट्रांजिट पर आधारित है. यह ग्रह एक तारे की परिक्रमा के दौरान दूसरे तारों की रोशनी को रोक देता है. इससे इसकी चमक कई गुना बढ़ जाती है. यही वजह है कि हमारे टेलिस्कोप ने इतनी लंबी दूरी पर स्थित इस ग्रह की खोज कर ली.
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