NASA Mission Moon: नासा अब 2025 में अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजेगा, जानें वजह
NASA Mission Moon: मिशन में अमेरिका की पहली महिला और अगले पुरुष अंतरिक्ष यात्री को शामिल किया जाएगा. इसके जरिये अमेरिका यह साबित करना चाहता था कि वह पिछली सदी के छठे दशक की तरह आज भी अंतरिक्ष की दौड़ में है.

NASA Mission Moon: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के अपने अभियान के समय को आगे बढ़ा कर इसे साल 2025 कर दिया है. अंतरिक्ष एजेंसी की, इससे पहले साल 2024 तक अंतरिक्षयात्रियों को चंद्रमा पर भेजने की योजना थी.
नासा के प्रशासक बिल नीलसन ने 09 नवंबर 2021 को इस अभियान में देरी के संबंध में घोषणा की. फ्लोरिडा के पूर्व सीनेटर व साल की शुरुआत में राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा नियुक्त किए गए नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि वर्ष 2025 में भी कुछ समय लग सकता है.
कैप्सूल ओरियन के निर्माण में देरी
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने परियोजना में देरी के लिए मून लैंडर को लेकर स्पेसएक्स के साथ चली मुकदमेबाजी और नासा के कैप्सूल ओरियन के निर्माण में देरी को जिम्मेदार ठहराया. नेल्सन ने कहा कि हम मुकदमेबाजी में लगभग सात महीने खराब कर चुके हैं. इसकी वजह से अभियान को साल 2025 से पहले लांच नहीं किया जा सकता.
चांद पर भेजे जाने की योजना
पिछले लगभग 50 वर्षो में साल 2019 में पहली बार तत्कालीन उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजे जाने की योजना से पर्दा उठाते हुए इसके लिए वर्ष साल 2024 की समयसीमा तय किए जाने का घोषणा किया था. उन्होंने कहा था कि यह नया मिशन नासा के कई लोगों समेत अंतरिक्ष उद्योग को चकित कर देने वाला, लेकिन अत्यंत आवश्यक है.
पुरुष अंतरिक्ष यात्री को शामिल किया जाएगा
मिशन में अमेरिका की पहली महिला और अगले पुरुष अंतरिक्ष यात्री को शामिल किया जाएगा. इसके जरिये अमेरिका यह साबित करना चाहता था कि वह पिछली सदी के छठे दशक की तरह आज भी अंतरिक्ष की दौड़ में है. इसका संदर्भ चीन से था, जिसने साल 2030 में चांद पर मानव मिशन भेजने की घोषणा की है.
पहली परीक्षण उड़ान का लक्ष्य
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि नासा का अगले वर्ष फरवरी में अपने चंद्रमा रॉकेट ‘स्पेस लॉन्च सिस्टम’ या एसएलएस की पहली परीक्षण उड़ान का लक्ष्य है. इसमें कोई भी सवार नहीं होगा. अंतरिक्ष यात्री दूसरी आर्टेमिस उड़ान में जाएंगे जो चंद्रमा से आगे उड़ान भरेगी, लेकिन चंद्रमा की सतह पर उतरेगी नहीं. चंद्रमा पर उतरने का काम साल 2025 तक हो पाएगा.
लैंडिंग यान के निर्माण में देरी
आर्टेमिस नाम के इस मिशन के तहत लैंडिंग यान के निर्माण में देरी हो रही है. नासा के बिल नेल्सन ने बताया कि आर्टेमिस यान के निर्माण के लिए स्पेसएक्स से अनुबंध पर कानूनी कारणों से देरी हो रही है. इस कारण इस मिशन को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है.
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